आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होता है लेकिन लूट का प्रयास, ठगी का प्रयास, चोरी का प्रयास इस तरह के मामले दर्ज नहीं होते। आइए जानते हैं कि क्या गबन का प्रयास या भ्रष्टाचार का प्रयास जैसा कोई मामला दर्ज होता है। यदि हां तो ऐसे मामलों में दंड का क्या प्रावधान है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 15 की परिभाषा
अगर कोई सरकारी अधिकारी या लोकसेवक किसी भी शासकीय संपत्ति या कोई फण्ड जो लोकहित के कल्याण या विकास के लिए हैं, उसका बेईमानी या कपटपूर्ण आशय से गबन करने की कोशिश मात्र करेगा तब उस लोकसेवक को अधिनियम की धारा 15 के अनुसार दण्डित किया जाएगा।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 15 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान
यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय होंगे इसकी सुनवाई का अधिकार राज्य सरकार द्वारा नियुक्त विशेष न्यायाधीश को हैं। सजा- इस अपराध के लिए अधिकतम पाँच वर्ष की कारावास एवं जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
उधानुसार:- कोई अधिकारी जनहित के कार्य के लिए आए पैसे का गबन करने के लिए फर्जी बिल लगाकर प्रस्तुत करता है परंतु किसी भी कारण से बिलों का भुगतान नहीं हो पाता इससे पहले फर्जी बिल पकड़ा जाता है, तब ऐसा अधिकारी या कर्मचारी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 किस सेक्शन 15 के तहत दोषी मानकर दंडित किया जाएगा। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
:- लेखक बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं लॉ छात्र होशंगाबाद) 9827737665