719 crore MP IDC loan scam, investigation against SR Mohanty IAS
भोपाल। मध्य प्रदेश के जागरूक और गैर राजनीतिक नागरिक सरकार की शान में कसीदे पढ़ सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस तो यह धर्म निभाएगी नहीं। दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्री काल में हुए 719 करोड़ों के घोटाले की जांच के आदेश अब जाकर हुए हैं। नोट करने वाली बात है कि जांच के आदेश होने से पहले घोटाले से संबंधित दस्तावेज जलकर राख हो गए।
दिग्विजय सिंह के शासनकाल में घाटे में चल रहे मध्यप्रदेश के उद्योगों को मुख्यधारा में शामिल करने के नाम पर राज्य औद्योगिक विकास निगम (IDC) की तरफ से लोन दिए गए थे। इस प्रक्रिया में 719 करोड रुपए का लोन घोटाला उजागर हुआ था। चुनाव के समय भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे ही कई मामलों के कारण दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार कहा था। शिकायत की फाइल EOW के पास भेजी गई थी।
719 करोड रुपए के घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सुधी रंजन मोहंती जांच की जद में आ गए थे। उनके खिलाफ जांच के लिए सरकार की अनुमति की आवश्यकता थी। सरकार ने तब से लेकर अब तक अनुमति नहीं दी। कुछ दिनों पहले औद्योगिक विकास निगम के ऑफिस में आग लगी। इस अग्निकांड में घोटाले से संबंधित दस्तावेज जल गए।
अब सरकार ने SR MOHANTHI रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ जांच की अनुमति दे दी है। जस्टिस केके त्रिवेदी को जांच के लिए नियुक्त किया है परंतु अभी तक सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सेवा शर्तें तय नहीं की गई है। कुल मिलाकर रिकॉर्ड के जल जाने के बाद जांच के आदेश हो गए हैं लेकिन जांच शुरू नहीं हुई है।