भोपाल। कल तक जिन बातों को बेईमानी कहा जाता था, आज उनके लिए नियम और निर्देश जारी होने लगे हैं। 2 आउटसोर्स कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए भोपाल शहर में CORONA टेस्ट का टारगेट डबल कर दिया गया है। सरकारी डॉक्टरों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि यदि किसी को छींक भी आए तो COVID-19 का टेस्ट जरूर कराना।
कोई सवाल नहीं उठा सकता क्योंकि मामला लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। एक टेस्ट किसी की जान से ज्यादा जरूरी नहीं हो सकता, लेकिन मुनाफे के लिए लैब के दरवाजे पर लाइन लगवा दी जाए यह भी तो अच्छी बात नहीं है। मध्य प्रदेश हेल्थ कॉरपोरेशन ने हाल ही में दो आउट सोर्स कंपनियों को CORONA टेस्टिंग का काम दिया है। पहले सरकार की तरफ से फ्री में टेस्ट होते थे। अब 78 रुपए लिए जाएंगे।
दलील दी जा रही है कि प्राइवेट लाइफ में कराने पर डेड सो रुपए फीस लगती है। सरकार से अनुबंधित लैब में कराने पर केवल ₹78 लगेगी। जबकि वास्तविकता यह है कि सरकार की तरफ से फ्री में टेस्ट किया जाता था। अब ₹78 लिए जा रहे हैं। इस टेंडर के पहले तक भोपाल में हर रोज लगभग 500 टेस्ट हो रहे थे। अधिकारियों ने डॉक्टरों को सख्त निर्देश दिए हैं कि हर संदिग्ध मरीज का टेस्ट लिखा जाए।
सूत्रों का कहना है कि कंपनियों के साथ डील हुई है। हर रोज कम से कम 2100 ग्राहक भेजेंगे। यानी प्रतिदिन ₹163800 फीस मिलेगी। 1 महीने में करीब 5000000 रुपए।