भोपाल। ध्यान आकर्षित करने के लिए कुर्सियां फेंकना जरूरी नहीं है। कुछ ऐसा भी कर सकते हैं जो चर्चा का केंद्र बन जाए। युवक कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय की छत पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन किया। संदेश दिया कि कांग्रेस किसी नेता की प्राइवेट लिमिटेड नहीं है और अपना अधिकार मांगा।
मध्यप्रदेश में पार्षदों के टिकट बंटवारे के साथ ही BJP और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में बगावत शुरू हो गई है। भोपाल समेत प्रदेशभर में पार्टी के पदाधिकारी-कार्यकर्ता इस्तीफे दे रहे हैं। आज शाम चार बजे भोपाल युवा कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं को पार्षद का टिकट नहीं मिलने पर आक्रोश जताया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय का घेराव किया। 22 जून से पहले उनके मेमोरेंडम पर विचार कर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को टिकट देने की मांग प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से की है।
युवा कांग्रेस के भोपाल जिला अध्यक्ष नरेंद्र यादव ने कहा कि यदि युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं दिया जाता है तो युवक कांग्रेस द्वारा नगर निगम के चुनाव का बाय काट कर दिया जाएगा। टिकट वितरण पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो लोग साल भर घर में सोते रहे, उनको टिकट दे दिए गए हैं। युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस दौरान कार्यालय में जमकर नारेबाजी की। सभी विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष और जिले की कार्यकारिणी सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
यादव ने कहा कि सड़क पर लड़ाई लड़ने के लिए हर जगह संघर्ष करने के लिए भाजपा सरकार से केस लगवाने के लिए हमारी याद आती है। हम अपनी व्यथा सुनाने और अधिकार मांगने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ सुनाने आए हैं। कमलनाथ से मांग की गई है कि युवा कांग्रेस के साथियों को नगर निगम चुनाव में लड़ाया जाए। हम सब जीतकर आने वाले लोग हैं। हमने लोगों के लिए संघर्ष किया है। अभी भी वक्त है। 22 जून तक बी-फार्म जमा हो सकता है।
यादव ने कहा कि जयपुर में चिंतन शिविर में 30 प्रतिशत युवाओं को मौका देने की सहमति बनी थी। इसलिए हमारी मांग पर विचार किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस को काम करने वाले लोग कहां से मिलेंगे। जो लोग घर में साेते रहे पार्टी ने उनको टिकट दिया है। यदि पार्टी हमारी मांग पर विचार नहीं करती है तो हम नगर निगम चुनाव का बायकॉट करेंगे।
भोपाल में 8 पूर्व पार्षदों ने कांग्रेसी छोड़ी
राजधानी में सबसे ज्यादा बगावत देखने को मिल रही है। दो बार पार्षद रहे अब्दुल शफीक खान, शाहिद अली, शबाना अली, अफरोज जहां, नजमा अंसारी, रेहान गोल्डन, मुजीब खान समेत 8 पूर्व पार्षदों ने इस्तीफे दे दिए। उनके साथ करीब 70 कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस छोड़ने का ऐलान कर दिया। वार्ड 41 से मोहम्मद फहीम को टिकट मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध किया।
पूर्व पार्षद रईसा मलिक ने कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली। अब वे महापौर कैंडिडेट के रूप में मैदान में उतरी हैं। नॉमिनेशन भी जमा कर दिया है। वार्ड-42 के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टिकट नहीं दिए जाने से नाराज होकर आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली। बगावत की ऐसी ही तस्वीर हर वार्ड में देखने को मिल रही है।