जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी सीएम राइज स्कूल योजना में शिक्षकों की मनमानी नियुक्ति के बाद पूरा मामला विवादित हो गया है हाईकोर्ट ने सभी याचिकाओं को स्वीकार करते हुए पदस्थापना पर रोक के आदेश जारी कर दिए हैं लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय अपनी गलती सुधारने को तैयार नहीं है। पढ़िए हाईकोर्ट में शासन की ओर से क्या जवाब प्रस्तुत किया गया।
अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी ने बताया कि दिनांक 9 जून को सीएम राइज योजना के तहत स्कूलों में शिक्षकों की अवैध पदस्थापना आदेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओ में सुनवाई हुई। पदस्थापना संबंधी विसंगतियों की ओर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया गया। मैहर सतना मे पदस्थ, श्री रामायण द्विवेदी माध्यमिक शिक्षक एवं दमोह में पदस्थ भारती राठौड़, माध्यमिक शिक्षक की ओर से वह स्वयं उपस्थित हुए थे।
ज्वाइन करना हो तो करो, नहीं तो जहां हो वहीं रहो: स्कूल शिक्षा विभाग
सरकारी पक्ष द्वारा पत्र दिनांक 8/06/22 प्रस्तुत कर कहा गया कि शासन ने वर्तमान में कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन के निराकरण तक, कार्यमुक्त करने वाले आदेश पर रोक लगा दी गई है। जिन्होंने जॉइनिंग नही दी है वे पुराने स्थान पर पुनः कार्यभार ग्रहण करेंगे। उपरोक्त आधार पर, याचिकाओ को अंतिम रूप से निराकृत कर समाप्त कर दिया जाए।
हाईकोर्ट ने लोक शिक्षण संचालनालय का निवेदन अस्वीकार किया
कोर्ट ने याचिका का अंतिम निराकरण करने से इंकार करते हुए, पदस्थापना आदेशों को स्टे करते हुए कहा कि शासन कर्मचारियों के विचाराधीन अभ्यावेदन निराकरण करने के लिए स्वतंत्र है। पत्र दिनाँक 8/06/22 के आधार पर भिन्न आदेश पारित नही किया जा सकता है। यद्यपि, यदि अभ्यावेदन का निराकरण कर्मचारियों के पक्ष में नही होता है, तब वे विचाराधीन याचिकाओ में संशोधन कर, अभ्यावेदन निरस्तीकरण को चुनौती दे सकते हैं लेकिन पूर्व कोर्ट ऑर्डर से भिन्न आदेश पारित नही किया जा सकता है।
हाईकोर्ट ने पदस्थापना आदेशों के पालन पर रोक लगाते हुए सभी याचिकाओं को एक साथ लिंक करके शासन से जवाब मांगा है।