जबलपुर। मध्य प्रदेश में सीएम राइज स्कूल के मामले में हाईकोर्ट से बड़ी खबर आ रही है। सरकार ने पुराने स्कूल की बिल्डिंग का रिनोवेशन करके नाम बदल दिया। प्राचार्य और स्टाफ की नई भर्ती की जा रही है परंतु प्राचार्य रत्नेश शर्मा ने इस प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी। नतीजा, स्कूल शिक्षा विभाग ने उन्हें सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य पद पर नियुक्त कर दिया।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में दायर याचिका रत्नेश शर्मा विरुद्ध मध्य प्रदेश शासन में स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जवाब प्रस्तुत करते हुए बताया गया है कि शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल सिंगोद (जो कि अब सीएम राइस गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल सिंगोद हो गया है) उसमें रत्नेश शर्मा पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगे। रत्नेश शर्मा हायर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य के पद पर पदस्थ थे। अब सीएम राइज स्कूल के प्राचार्य भी रत्नेश शर्मा ही होंगे।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में में आवेदक प्राचार्य रत्नेश शर्मा का पक्ष एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी के द्वारा रखा गया। उन्होंने याचिका में बताया था कि आवेदक प्राचार्य के पद पर इस संस्था में कई वर्षों से कार्य कर रहे थे। शासन ने उनके स्कूल का नाम बदल दिया और उन्हें बिना किसी गलती के प्राचार्य के पद से हटा दिया। उन्हें सीएम राइस स्कूल में प्राचार्य नहीं बनाया गया, जो की विधि विरुद्ध है। पूरी योग्यता और अनुभव रखते हुए उनके आवेदन के साथ भेदभाव किया गया है जो नीति संगत नहीं है।
श्री रत्नेश शर्मा समस्त योग्यता एवं अनुभव रखते थे परंतु उनका सिलेक्शन सीएम राइस स्कूल के प्रिंसिपल के पद पर नहीं किया गया। ऐसी स्थिति में उन्हें अन्यत्र स्कूल में पदस्थ किया जाना अनुचित है। इस संबंध में उन्होंने माननीय न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत की। मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा माननीय हाईकोर्ट के समक्ष जो अपना जवाब प्रस्तुत किया गया उसमें उन्होंने श्री रत्नेश शर्मा को सीएम राइस स्कूल गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल सिंगोद में प्रिंसिपल के पद पर कार्य करने की अनुमति प्रदान की। प्रकरण में आवेदक की ओर से एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी ने पक्ष रखा।