जबलपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वकांक्षी योजना सीएम राइस स्कूल शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रारंभ किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में 255 विद्यालयों को सर्व सुविधा युक्त विद्यालय के रूप में विकसित करना था परंतु इन विद्यालय में प्राचार्य, उप प्राचार्य प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों की पदस्थापना एवं उनके स्थानांतरण पर व्यापक लापरवाही की गई है। जिससे शिक्षकों का स्थानांतरण अन्यत्र जगह किया जा रहा है। इसके खिलाफ मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई है।
सीएम राइस विद्यालय योजना के अंतर्गत सरकार का मुख्य उद्देश्य यह था कि कक्षा KG-1 से 12वीं तक की कक्षा संचालित की जाएंगी। जो हिंदी तथा अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा व्यवस्था के तहत होंगी। विद्यालय में कंप्यूटर, योग, खेल, म्यूजिक, नृत्य आदि सर्व सुविधा युक्त किए जाएंगे। विद्यालय में छात्रावास एवं परिवहन की व्यवस्था भी सरकार के द्वारा की जाएगी परंतु अधिकारियों के द्वारा सीएम राइस ,योजना में घोर लापरवाही एवं अनियमितता बरती जा रही है।
सीएम राइज विद्यालय की योजना विवादों के घेरे में आ रही है। सर्वप्रथम प्राचार्य, उप प्राचार्य शिक्षक एवं तकनीकी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सरकार ने जो विज्ञापन निकाला था उसमें मेरिट के आधार पर चयन होना था परंतु मनमाफिक तरीके से अधिकारियों के द्वारा अपने लोगों को चयन कर लिया गया है एवं मेरिट पर आए हुए शिक्षकों को जिले से बाहर अन्यत्र भेजा जा रहा है।
शिक्षकों को जो च्वाइस फिलिंग का ऑप्शन दिया गया था, उससे हटकर उन्हें अन्यत्र विद्यालय में भेजा जा रहा है, जो नियम के विरुद्ध है। जिससे नाराज होकर शिक्षकों ने लोक शिक्षण संचनालय आयुक्त भोपाल को इसकी शिकायत की थी। जिस पर कोई कार्रवाई ना होने से मध्य प्रदेश सीएम राइस के करीब 50 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं। इन शिक्षकों का पक्ष हाईकोर्ट में एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी के द्वारा रखा जा रहा है।