भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना सीएम राइज स्कूल योजना को पलीता लग गया। प्रारंभ से लेकर प्राचार्यो की नियुक्ति तक सब कुछ ठीक जा रहा था परंतु शिक्षकों की पदस्थापना में जबरदस्त घोटाला हो गया। सब कुछ एक संगठित अपराध की तरह किया गया है। कई जिलों से खबरें आ रही हैं कि रिश्वत देने वाले शिक्षकों को शहरी क्षेत्र और मेरिट वालों को दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ कर दिया गया।
शिक्षा विभाग में सक्रिय लगभग सभी कर्मचारी संगठनों में सीएम राइज स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना के तरीके पर आपत्ति उठाई है और गड़बड़ी का आरोप लगाया है। गड़बड़ी की शुरुआत लोक शिक्षण संचालनालय से हुई। हर छोटी बड़ी गतिविधि एमपी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड की जाती है परंतु पदस्थापना आदेश एमपी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए।
डीपीआई भोपाल से जिला शिक्षा अधिकारी को बताया गया। फिर DEO ऑफिस से शिक्षकों से व्यक्तिगत तौर पर चर्चा की गई। आपस में बातचीत होने के बाद सूची हस्ताक्षर की गई। यह सूची भी एमपी एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड नहीं की गई बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी गई।
घोटाले का प्रमाण देखिए। शिक्षकों की पदस्थापना सूची एजुकेशन पोर्टल पर दिनांक 1 जून 2022 को शाम को अपलोड की गई जबकि शिक्षकों को पदभार ग्रहण करने की अंतिम तारीख 1 जून 2022 सुबह स्कूल के समय थी। सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया। जानकारी को छुपा कर रखा गया ताकि जिन शिक्षकों से रिश्वत ली है उन्हें पदस्थापना दी जा सके और उससे पहले किसी भी प्रकार का विवाद ना हो।