दुनिया की पहली अलार्म घड़ी किस प्रोफेसर के पास थी- Do You Know

Amazing General knowledge in Hindi

जनरल नॉलेज की सस्ती किताबें पलट कर देखेंगे तो दुनिया की सबसे पहली घड़ी सन 1505 में बनाई गई थी जिसे पोमैंडर वॉच ऑफ 1505 लेकिन अपन जानते हैं कि प्राचीन मिस्र में समय का पता लगाने वाले यंत्र मौजूद थे जो पानी से चलते थे। अपना सवाल दुनिया की पहली घड़ी नहीं है बल्कि दुनिया का पहला अलार्म है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक प्रोफ़ेसर के पास दुनिया का पहला अलार्म देखा गया। जो उन्हें मुर्गे की बांग और सूर्योदय से पहले नींद से जगा देता था। 

world's first alarm clock

इतिहास में दर्ज है कि 427 ईसा पूर्व यूनानी फिलोसोफर प्लेटो के पास दुनिया की पहली अलार्म घड़ी थी। उस जमाने में लोग सूर्योदय के समय मुर्गे की बांग सुनकर नींद से जागा करते थे परंतु प्रोफेसर प्लेटो उस समय तक अपने विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए तैयार हो चुके होते थे। उन्होंने खुद कभी नहीं बताया लेकिन लोगों ने पता लगाया तो पाया कि उनके पास एक यंत्र था जो सूर्योदय के करीब 1 प्रहर पहले आवाज करता था। 

250 ईसा पूर्व एक यूनानी इन्वेंटर ने पानी की घड़ी में अलार्म लगा दिया था। उसने पानी की घड़ी में एक और कंटेनर लगा दिया था। इस कंटेनर में धीरे-धीरे पानी भरता जाता था और एक निर्धारित समय के बाद जब कंटेनर फुल टैंक लेवल पर आता तो उसके ऊपर लगा हुआ यंत्र एक दूसरे यंत्र को पुश कर देता। दूसरे यंत्र में धातु की गेंद रखी हुई थी। जो नीचे गिर जाती। नीचे एक धातु की प्लेट रखी हुई थी। स्वाभाविक है, अंधेरी रात में आवाज होती। जो दुनिया का पहला ज्ञात अलार्म था।

यह बिल्कुल वैसा ही है जैसा आजकल अपनी छत पर लगे वाटर टैंक में फुटबॉल होता है। पानी जैसे ही फुल टैंक लेवल पर आता है, फुटबॉल एक यंत्र को पुश करता है और पानी का पाइप बंद हो जाता है।

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