यदि आप अपने बच्चे को क्लासिकल म्यूजिक सिखाना चाहते हैं तो आपको स्कूल के अलावा एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है परंतु भारत में एक गांव ऐसा भी है जहां प्राइमरी स्कूल लेवल पर सभी स्टूडेंट्स के लिए शास्त्रीय संगीत की शिक्षा अनिवार्य है।
इस गांव को पंजाब का सुरीला गांव भी कहते हैं। इस गांव का नाम है श्री भैनी साहिब (Sri Bhaini Sahib) गांव। बताते हैं कि लगभग 100 साल पुरानी परंपरा है। इस गांव के बच्चे अनिवार्य रूप से शास्त्रीय संगीत सीखते हैं। चाहे कोई किसान का बच्चा हो या जमीदार का, शास्त्रीय संगीत कि शिक्षा हर घर में दी जाती है।
बलवंत सिंह नामधारी बताते हैं कि, 'हमारा मानना है संगीत सीखने से कोई भी बच्चा आगे चलकर अच्छा इंसान बनता है। हममें से कुछ आगे चलकर प्रोफ़ेशनल म्यूज़िशियन्स बने हैं लेकिन ये हमारा लक्ष्य नहीं है।' नामधारी इन बच्चों को राग से जुड़ी अहम जानकारियां देते हैं, जैसे कि कोई राग दिन के तय समय पर ही क्यों गाया जाता है।
बच्चों को संगीत की शिक्षा देने की रीत एक नामधारी आध्यात्मिक गुरु, सतगुरु प्रताप सिंह ने शुरु की थी। उन्होंने कहा था, 'मैं चाहता हूं कि संगीत की खुशबू हर बच्चे को छुए।' सतगुरु प्रताप सिंह का 1959 में निधन हो गया लेकिन उनके बेटे सतगुरु जगजीत सिंह ने पिता की इच्छानुसार ही संगीत की शिक्षा देना जारी रखा, और अब संगीत इस गांव की पहचान बन गया है।