यह तो हम सभी जानते हैं कि गिरगिट रंग बदलता है, लेकिन क्या कोई जानता है कि गिरगिट कितने रंग बदल सकता है। दूसरी बात, मतलबी इंसान को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले इंसान क्यों कहा जाता है। आइए आज दोनों सवालों के जवाब पता करते हैं:-
गिरगिट अपना रंग कैसे बदल पाता है
दरअसल, गिरगिट के शरीर पर खासकर पीठ की तरफ फोटोनिक क्रिस्टल की एक परत होती है। अपने शरीर को ढीला छोड़ना और मांसपेशियों को कस लेना, यह तो इंसान भी कर लेते हैं। गिरगिट थोड़ा ज्यादा अच्छे तरीके से करते हैं। फोटोनिक क्रिस्टल की परत परावर्तन के सिद्धांत पर काम करती है। गिरगिट जब भी रंग बदलना चाहता है वह अपनी मांसपेशियों को कस लेता है। जिसके कारण फोटोनिक क्रिस्टल की परत फ्लेट हो जाती है और प्रकाश को परिवर्तित करने लगती है।
गिरगिट कितने रंग बदल सकता है
इस प्रकार गिरगिट का रंग बिल्कुल वैसा ही हो जाता है जहां पर वह खड़ा होता है। यदि गिरगिट हरी पत्तियों के आसपास है तो हरा हो जाएगा। सूखी लकड़ियों के पास है तो लकड़ी जैसा हो जाएगा। किसी पत्थर के पास है तो उसके जैसा हो जाएगा। कुल मिलाकर गिरगिट रंग नहीं बदलता बल्कि फोटोनिक क्रिस्टल की परत प्रकाश का परावर्तन करती है और अपन को गिरगिट का रंग दिखाई देता है। इस प्रकार गिरगिट अनलिमिटेड रंग बदल सकता है।
मतलबी इंसान को गिरगिट क्यों कहते हैं
फोटोनिक क्रिस्टल के कारण गिरगिट जिस चीज के साथ खड़ा होता है उसी चीज के रंग का दिखाई देने लगता है। यानी कि दूसरे के रंग में रंग जाता है, जबकि असल में वह गिरगिट होता है। इसी प्रकार ऐसा इंसान जो जिस व्यक्ति के साथ हो उस व्यक्ति की हां में हां मिलाए। उसका अपना कोई सिद्धांत ना हो। तो ऐसे व्यक्ति को गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला इंसान कहा जाता है।
अब नया सवाल यह है कि क्या फोटोनिक क्रिस्टल की कोई ड्रेस नहीं बनाई जा सकती। जिसे पहनकर अपन जंगल में हरे और आग के पास लाल पीले हो जाएंगे। सबसे मजेदार बात तो यह है कि यदि दीवार से टक्कर खड़े हुए तो दीवार के कलर के हो जाएंगे। WOW, यह तो मिस्टर इंडिया जैसा हो जाएगा।
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