मध्य प्रदेश का एक गांव जिसके हर घर में नीम का पेड़ है - GK in Hindi

भारत के हर गांव में कोई न कोई विशेष बात होती है। हम आपको बताने जा रहे हैं मध्य प्रदेश का एक ऐसा गांव जिसके हर घर में नीम का पेड़ लगा हुआ है। यह परंपरा कब से शुरू हुई, किसी को नहीं पता परंतु इस परंपरा का पालन गांव के सभी लोग कर रहे हैं। गांव में कोई भी नया घर बनता है तो उसके सामने नीम का पेड़ जरूर लगाया जाता है। 

मध्य प्रदेश के देवास जिले में बैरागढ़ नाम का गांव अपने आप में अनूठा है। जहां कुछ गांव में इलाज के लिए झाड़-फूंक पर विश्वास किया जाता है वहीं मध्यप्रदेश का यह गांव ऐसा है जहां स्वास्थ्य के लिए प्रकृति को आधार बना लिया गया है। इस गांव के लोग अपनी विशेषता पर प्राउड फील करते हैं। अपने गांव को नीम वाला गांव बताते हैं। गांव के बुजुर्ग अशोक प्रह्लाद और ठाकुर सिंह बताते हैं कि यह परंपरा कब से शुरू हुई हमें भी नहीं मालूम लेकिन हम यह मानते हैं कि किसी तपस्वी ऋषि मुनि के कारण गांव को यह आशीर्वाद प्राप्त हुआ है। 

साइंस कॉलेज के प्रोफेसर नागर का कहना है कि गांव में नीम का पेड़ होने के कारण बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियां इस गांव के लोगों को प्रभावित नहीं कर पाती। नीम को सर्वरोग निवारिणी के नाम से जाना जाता है जिसका मतलब होता है सभी बीमारियों का इलाजकर्ता। गांव के लोग नीम का उपयोग अपने दैनिक जीवन में करते हैं। इसके कारण उन्हें डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ती। 

गांव में कच्चे मकान टूटकर पक्के मकान बन रहे हैं। गांव आधुनिक होता जा रहा है लेकिन नीम के प्रति लोगों का लगाव कम नहीं हो रहा है। पक्के मकानों में भी हर घर की बाउंड्री में नीम का पेड़ जरूर लगा हुआ है। बताते हैं कि 80 साल पहले यहां महामारी का प्रकोप हुआ था। उससे बचने के लिए हर घर में नीम का पेड़ लगाया गया। 500 परिवारों के इस गांव में 1000 से ज्यादा नीम के पेड़ हैं। (यह भी पढ़ें: नीम फायदेमंद होता है तो उसका स्वाद कड़वा क्यों होता है)
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!