मिट्टी की खुशबू वर्षा के पानी से क्यों आती है टंकी के पानी से क्यों नहीं- GK in Hindi

भारत में मानसून शुरू हो गया है। पूरे देश में या तो मौसम की पहली बारिश हो गई है या फिर होने वाली है। पहली वर्षा का आनंद ही कुछ और होता है। सबसे खास बात यह होती है कि मिटटी की भीनी-भीनी खुशबू आती है। यह खुशबू इतनी प्यारी होती है कि लोग अगले साल तक इसका इंतजार करते हैं, लेकिन सवाल यह है कि यदि मिट्टी में खुशबू होती है तो फिर वह केवल वर्षा होने पर ही क्यों आती है। टंकी का पानी जमीन पर डालने से खुशबू क्यों नहीं आती। आइए जानते हैं:- 

यह जानकारी सचमुच बड़ी मजेदार है। वर्षा ऋतु में आने वाली विशेष प्रकार की खुशबू को petrichor (पेट्रीकॉर) कहते हैं। यह ग्रीक भाषा के 2 शब्दों से मिलकर बना है। petros और ichor यहां petros का अर्थ होता है पत्थर और ichor का अर्थ है भगवान की रक्त कणिकाएं। इस प्रक्रिया पर सबसे पहले अमेरिका में 1964 में अध्ययन किया गया। 

सन 2010 में इस प्रक्रिया पर विस्तार से रिसर्च किया गया। पाया गया कि प्रकृति की इस शानदार खुशबू के पीछे actinobacteria सबसे महत्वपूर्ण रोल निभाता है। यह बैक्टीरिया अपने घर के आस-पास के अलावा समुद्र में भी पाया जाता है। जो सड़ने वाली चीजों को डीकंपोज करता है। जब यह बैक्टीरिया डी-कंपोजीशन की प्रक्रिया में होता है तब एक बाई प्रोडक्ट बनता है जिसे Geosmin नाम दिया गया है। 

Geosmin एक प्रकार का अल्कोहल कंपाउंड है। Geosmin जमीन के ऊपरी सतह पर मौजूद होता है। यही पौधों की ग्रोथ के लिए काफी सहायक होता है। जैसे ही बारिश की बूंदे Geosmin के संपर्क में आती है यह बहुत हल्का होने के कारण हवा में उड़ने लगता है और हमें मिट्टी की खुशबू महसूस होती है। 

अब सवाल यह है कि यह खुशबू बारिश के पानी से ही क्यों आती है। टंकी के पानी से क्यों नहीं आती। इसका उत्तर यह है कि actinobacteria जमीन पर पड़े रहते हैं परंतु एक्टिव नहीं होते। जैसे ही आसमान में बादल छा जाते हैं और पूरे मौसम में नमी की मात्रा बढ़ने लगती है तो actinobacteria काम पर लग जाते हैं और Geosmin बनाने लगते हैं। 

निष्कर्ष यह निकलता है कि
1. मिट्टी में अपनी कोई खुशबू नहीं होती Geosmin के पैदा होने के कारण खुशबू महसूस होती है। 
2. Geosmin के कारण ही पौधों की तेजी से ग्रोथ होती है। इसीलिए वर्षा ऋतु में पौधारोपण करने की परंपरा भारत में स्थापित की गई। 
3. अमेरिका ने भले ही सन 2010 में Geosmin की खोज की हो परंतु भारत के ऋषि मुनियों ने 5000 साल पहले इसकी खोज कर ली थी। तभी तो वर्षा ऋतु में पौधारोपण की परंपरा बनाई गई।

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