ग्वालियर। भारतीय जनता पार्टी में परिवारवाद को लेकर बड़े सवाल जवाब हो रहे हैं। इस सपने में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की परिवारवाद वाली पॉलिसी और अपने परिवार की राजनीति के बारे में पहली बार बयान दिया है।
मैं इस पर नहीं पड़ना चाहता: ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं इस पर नहीं पड़ना चाहता कि नेता की फैमिली में टिकट मिले या ना मिले, लेकिन सिंधिया घराने में सिर्फ एक ही व्यक्ति राजनीति करता आ रहा है। यह सिंधिया परिवार 40 साल से अपने परिवार की परंपरा निभा रहा है और यह एक महत्वपूर्ण कदम भी है।
भारतीय राजनीति में सिंधिया राजवंश
कुछ इतिहासकार बताते हैं कि भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के तत्काल बाद ग्वालियर के महाराजा जीवाजी राव सिंधिया राजनीति की एक विशेष विचारधारा को समर्थन करते थे। पंडित जवाहरलाल नेहरू के दबाव के कारण तत्कालीन महारानी विजयाराजे सिंधिया को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करनी पड़ी। बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं और उनके सुपुत्र महाराजा माधवराव सिंधिया कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए। उनकी दोनों बहने वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान में और यशोधरा राजे सिंधिया मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय हुईं। सिंधिया राजवंश के वर्तमान महाराजा ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। युवराज महा आर्यमन सिंधिया ने भाजपा की राजनीति शुरू कर दी है।