ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक इंस्पेक्टर एवं एक सब इंस्पेक्टर के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि दोनों ने अचानक गायब हुई एक लड़की के माता-पिता की शिकायत नहीं सुनी और उनके बताए अनुसार जांच नहीं की।
झांसी रोड इलाके में 25 अप्रैल को एक लड़की गायब हो गई थी जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम थी। लड़की के परिवारजनों ने झांसी रोड पुलिस थाने पहुंचकर बताया था कि उनकी लड़की का अपहरण कर लिया गया है। आरोपी का नाम सोनू पारदी बताया गया था। नामजद शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं किया था। दिनांक 30 अप्रैल को लड़की वापस मिल गई।
पुलिस ने बताया कि लड़की का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि वह अपने घर से गुस्सा हो कर चली गई थी। कोटरा ग्राम के पास स्थित मंदिर में 2 दिन तक रही। फिर अपने मामा से मिली और मामा उसे पुलिस के पास लेकर आए। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से नाराज लड़की की मां ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। महिला ने बताया कि उन्होंने थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जब पुलिस से कार्रवाई के लिए निवेदन किया तो टीआई लाठी लेकर मारने आ गए और सब इंस्पेक्टर त्रिपाठी ने मारने के लिए जूता उतार लिया था। पुलिस ने उनकी शिकायत पर ना तो कोई जांच की है और ना ही किसी से पूछताछ की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले में झांसी रोड पुलिस थाने के तत्काल टीआई एवं सब इंस्पेक्टर त्रिपाठी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है।