ग्वालियर। भितरवार शाखा प्रबंधक को अनिवार्य सेवानिवृति दी जा रही है। भितरवार शाखा प्रबंधक लक्ष्मण सिंह चाहर द्वारा वर्ष 2016-17 में ऋण वसूली लक्ष्य के अनुसार नहीं की। जिससे बैंक घाटे में जाता गया और बैंक मैनेजर लक्ष्मण सिंह चाहर ने इस पर ध्यान तक नहीं दिया। हालात यह हो गए कि बैंक के पास राशि नहीं बची और बंद होने की कगार पर आ गया।
भितरवार बैंक में कुल 1358 कृषकों को लोन बांटा, जिनके विरुद्घ सहकारी अधिनियम 1960 की धारा 84 अंतर्गत कालातीत सदस्यों के विरुद्घ वसूली हेतु दावे लगाए जाने थे, लेकिन इनके खिलाफ बैंक की ओर से काई प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया। जिसके कारण बैंक की राशि एनपीए में परिवर्तित हो गई। जिससे बैंक को हानि हुई। लक्ष्मण चाहर शाखा भितरवार में शाखा प्रबंधक के रूप में कार्य उदासीनता, लापरवाही, अक्षमता प्रदर्शित हुई है।
जब बैंक की स्टाफ कमेटी द्वारा सुनवाई की तो उसमें लक्ष्मण चाहर ने बताया कि भितरवार शाखा द्वारा ऋण का वितरण ही नहीं किया गया। भू अभिलेख पोर्टल पर 1358 में से 441 कृषकों की प्रविष्टि हो चुकी है। शत प्रतिशत एंट्री नहीं हुई है व 10 लाख की अमानतें एकत्रित हुई है। जिसको लेकर कमेटी ने लक्ष्मण चाहर को अनिवार्य सेवानिवृति देने का निर्णय लिया और शाखा भितरवार में पदस्थ शिव सिंह रावत को चार्ज देने का आदेश दिया है।