ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में स्थित राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट इको फ्रेंडली बनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया (एएआई) ने मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए प्रजेंटेशन में बताया कि पानी से लेकर बिजली तक के उपयोग में तकनीक का उपयोग किया जाएगा, ताकि कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा आउटपुट मिल सके।
446.12 करोड़ के प्रोजेक्ट में पानी की बात करें तो इसके ट्रीटमेंट के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) लगाया जाएगा, ताकि गंदे पानी को ट्रीट कर उसे फिर से उपयोग में लाया जा सके। बिजली कंपनी पर निर्भरता को कम करने के लिए सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही सॉलिड वेस्ट से कन्वर्टर के माध्यम से खाद बनाई जाएगी। इसका उपयोग एयरपोर्ट परिसर के ग्रीन एरिया में किया जाएगा। इसके अलावा बारिश के पानी को सहेजने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग किट लगाई जाएगी।
एयरपोर्ट परिसर में सोलर पैनल लगाने की भी योजना है। इस काम में कुल 13.65 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे ना केवल बिजली के बिल की राशि में कमी आएगी, बल्कि बिजली सप्लाई पर निर्भरता भी घटेगी। इसके अलावा क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर की सतत निगरानी के लिए कंटीन्युअस एयर एम्बिएंट क्वालिटी मानिटरिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। इस काम में लगभग 10 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा सॉलिड वेस्ट को भी फेंका नहीं जाएगा। कन्वर्टर के माध्यम से उसे खाद में तब्दील किया जाएगा। लैंडस्केपिंग और हरियाली पर लगभग साढ़े चार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवेदन दिया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद प्रदूषण बोर्ड कंसेंट टू एस्टेब्लिशमेंट (सीटीई) देगा। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। एएआई ने जो प्रेजेंटेशन तैयार किया है, उसमें वाटर हार्वेस्टिंग किट से लेकर एसटीपी व सोलर पैनल लगाना शामिल है। इसके अलावा ग्रीन एरिया विकसित करने पर भी खासा ध्यान दिया जाएगा, ताकि प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। -आरआरएस सेंगर, कार्यपालन यंत्री, प्रदूषण बोर्ड ग्वालियर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया GWALIOR NEWS पर क्लिक करें.