इंदौर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने मध्यप्रदेश वेअरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन के उस आदेश को स्थगित कर दिया है जिसके माध्यम से लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को अनुपस्थित बताकर उनके वेतन से वसूली की जा रही थी।
याचिकाकर्ता कर्मचारी अमीरुद्दीन अकोलावाला के अधिवक्ता मुर्तुजा बोहरा के अनुसार मध्यप्रदेश वेअरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन द्वारा मनमाने ढंग से 23.03.2020 से 31.07.2020 तक कुल 181 दिनों की अवधि के लिए कर्मचारियों से वसूली का आदेश पारित किया था। उक्त अवधि के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू की गई थी और कर्मचारियों को ऑफिस आने से मना कर दिया गया था। वर्क फ्रॉम होम करवाया जा रहा था।
शासन द्वारा घोषित किया गया था कि लॉक डाउन की अवधि में सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया जाएगा। प्रशासन के सभी विभागों में इसका पालन भी किया गया परंतु म.प्र. वेयर हाउसिंग एंड लोजिस्टिक कारपोरेशन द्वारा लॉक डाउन की अवधि में कर्मचारियों को अनुपस्थित मानकर उनके वेतन से वसूली के आदेश पारित कर दिए गए।
याचिकाकर्ता कर्मचारी द्वारा 'नो वर्क नो पे' के आधार पर लॉकडाउन अवधि का वेतन काटने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए विवादित आदेश स्थगित कर दिया है एवं सभी संबंधित को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है।