भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आम नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए संदेश जारी किए गए हैं। इसमें बताया गया है कि वज्रपात यानी आकाशीय बिजली से बचने के लिए क्या करना चाहिए। जब आसमान में बादल गरजने लगे तो क्या करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि आकाशीय बिजली से हर साल औसत 2800 लोगों की मौत होती है।
कार के चलते समय यदि बिजली गिरने की संभावना हो तो क्या करना चाहिए?
1. बादलों के गरजते ही यदि किसी खुले स्थान में हैं तो तत्काल किसी पक्के मकान की शरण ले लें।
2. खिड़की, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
3. लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो कतई नहीं जाएं।
4. ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में शरण न लें, क्योंकि वहां वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है।
5. अपनी कार आदि वाहन में हैं तो उसी में ही रहें, लेकिन बाइक से दूर हो जाएं, क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं।
बज्रपात के समय क्या करना चाहिए?
6. विद्युत सुचालक उपकरणों से दूर रहें और घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि उपकरणों को बंद कर दें।
7. बारिश के दौरान खुले में या बालकनी में मोबाइल पर बात न करें।
8. तालाब, जलाशयों और स्वीमिंग पूल से दूरी बनाएं।
9. अगर खेत या जंगल में हैं तो कोशिश करें कि पैरों के नीचे प्लास्टिक बोरी, लकड़ी या सूखे पत्ते रख लें।
आसमानी बिजली से कैसे बचा जाए
10. समूह में न खड़े हों, बल्कि दूर-दूर खड़े हों। इसके साथ ही ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार न हों।
11. वज्रपात में मृत्यु का तात्कालिक कारण हृदयाघात होता है। ऐसे में जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा कार्डियो पल्मोनरी रेस्क्यूएशन (सीपीआर) प्रारंभ कर दें।
12. जैसे ही बादलों का गर्जना शुरू हो घर के सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें। टेलीफोन का तार भी निकाल दे।
13. टिन शेड अथवा धातु से बनी हुई किसी भी छत या इमारत या फिर वस्तु से दूर रहें।
ठनका से बचने के आसान तरीके
14. पेड़ के नीचे कभी खड़े ना हो। एक ही स्थान पर भी ना लगाएं। मूसलाधार बारिश से बचने के लिए एक दूसरे से डिस्टेंस बना कर खड़े हो।
15. पानी के भीतर ना रहे हैं। चाहे नाव में क्यों ना हो। कोशिश करें तुरंत पानी से बाहर निकल आएं।