जबलपुर। कलेक्टर डॉक्टर इलैयाराजा टी ने आदेश जारी किया है कि सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल कॉलेजों में स्टूडेंट द्वारा सेल्फ अटेस्टेड मूलनिवासी और आय प्रमाण पत्र मान्य किए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मध्य प्रदेश शासन की सन 2014 में जारी गाइड लाइन के अनुसार मूलनिवासी एवं आय प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय से जारी किए जाना बंद कर दिए गए हैं।
मूल निवासियों आय प्रमाण पत्र को नोटराइज्ड करने की आवश्यकता नहीं
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नवीन व्यवस्था के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित प्रारूप में सादे कागज पर आवेदक द्वारा हस्तलिखित अथवा टंकित शपथ पर स्व हस्ताक्षरित, स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र दिए जाने पर उसका स्थानीय निवासी या आय प्रमाण-पत्र मान्य होगा। इसे नोटराइज्ड करने की आवश्यकता भी नहीं होगी। साथ ही आवेदक से संबंधित विभाग अथवा कार्यालय के सक्षम अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित स्थानीय निवासी या आय प्रमाण-पत्र की मांग भी नहीं की जाएगी। स्थानीय निवासी अथवा आय-प्रमाण पत्र के स्व-हस्ताक्षरित, स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र को स्वीकार किया जाएगा।
शासन की ओर से मांगे जाने पर बनेंगे
आदेश के मुताबिक केवल उन्हीं परिस्थितियों में ये प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी जारी करेंगे- जब भारत सरकार अथवा राज्य सरकार की किसी योजना आदि का लाभ लेने या अन्य किसी प्रयोजन के लिए प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी स्थानीय निवासी या प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की कानूनी बाध्यता हो। ऐसी परिस्थितियों में संबंधित व्यक्ति पूर्व की भांति डिजिटल हस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए लोकसेवा केन्द्र को आवेदन दे सकता है। उसे संबंधित प्राधिकारी द्वारा अपने डिजिटल हस्ताक्षर वाला प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
शैक्षणिक संस्थानों को दिए सख्त निर्देश
आदेश में कहा गया है कि शासन के इन स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय शैक्षणिक संस्थान द्वारा स्व-हस्ताक्षरित, स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र आधारित स्थानीय निवासी एवं आय प्रमाण-पत्र को मान्य नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से आवेदकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कलेक्टर ने आदेश में कहा है कि जिले में यदि किसी विभाग की किसी योजना का लाभ लेने के लिए अथवा किसी प्रकार का प्रमाण-पत्र आदि प्राप्त करने के लिए अथवा शैक्षणिक प्रयोजन में आवश्यक दस्तावेज के रूप में जहां भी स्थानीय निवासी अथवा आय-प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है वहां अब आवेदक का निर्धारित प्रारूप में स्व-हस्ताक्षरित एवं स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र को ही मान्य करना होगा।