भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा शीर्ष स्तर के नेता और 250 से ज्यादा क्षेत्रीय नेताओं के सपनों पर पानी फेर दिया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोई भी निर्वाचन क्षेत्र किसी नेता की जागीर नहीं रहेगा। पिता के टिकट पर पुत्र का उत्तराधिकार नहीं रहेगा।
मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के तत्काल बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने परिवारवाद पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पिता के बाद बेटे को टिकट देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जाए। नेता पुत्रों को साधुवाद लेकिन सभी जान लें कि टिकट तो कार्यकर्ताओं को ही मिलेगा। उन्होंने हिमाचल प्रदेश और मप्र की दो सीटों के विधानसभा उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां हम परिवारवाद को आगे बढ़ाते तो चुनाव जीत जाते लेकिन हमने हार स्वीकारी।
मध्यप्रदेश में शीर्ष स्तर के नेता पुत्र
- शिवराज सिंह चौहान- कार्तिकेय सिंह चौहान
- ज्योतिरादित्य सिंधिया- महा आर्यमन सिंधिया
- कैलाश विजयवर्गीय- आकाश विजयवर्गीय
- गोपाल भार्गव- अभिषेक भार्गव
- सुमित्रा महाजन- कैप्टन मंदार महाजन
- नरोत्तम मिश्रा- शुक्रण मिश्रा
- नरेंद्र सिंह तोमर- देवेंद्र प्रताप सिंह
- गौरीशंकर बिसेन- मौसम बिसेन
- गौरीशंकर शेजवार- मुदित शेजवार
- गोविंद सिंह राजपूत- आकाश सिंह राजपूत
- तुलसीराम सिलावट- नीतीश सिलावट
- प्रभात झा- तुष्मल झा
- यशोधरा राजे सिंधिया- अक्षय राजे भंसाली
उपरोक्त के अलावा मध्य प्रदेश के हर जिले में नेताओं के पुत्र विभिन्न प्रकार के चुनावों में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। कुछ तो पिछले चुनाव लड़ भी चुके हैं। उल्लेख करना अनिवार्य है कि राजनीति के धर्म का पालन करने के लिए भारतीय जनता पार्टी में प्रतिष्ठित कैलाश जोशी अपने बेटे को टिकट के लिए भाजपा के दफ्तर में सांकेतिक रूप से धरने पर बैठ गए थे।