भोपाल। विगत सत्र में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को यथावत रखा जाय एवं वर्षों तक अध्यापन का अनुभव रखने वाले अतिथि शिक्षकों को रिक्त पदों पर पुनः अवसर दिया जाय। गौरतलब है कि सरकार की गलत नीति के कारण हजारों अतिथि शिक्षक वर्षों तक अध्यापन करवाने के बाद भी बेरोजगार हो गए हैं।
यदि उनको स्कोर कार्ड में सत्र एवं कार्यदिवस के आधार पर बोनस अंक दिए जाते तो एक भी अनुभवी अतिथि शिक्षक बेरोजगार नहीं होता लेकिन तत्कालीन कमलनाथ की सरकार ने नए लोगों से मेरिट सूची तैयार करवा दी थी। इस तरह से वर्षों तक सेवा देने वाले अतिथि शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ है। संगठन की ओर से कई बार आवेदन दिए गए हैं कि अनुभव के आधार पर अतिथि शिक्षकों को लाभ दिया जाय।
अपडेशन के लिए पोर्टल खोलने के लिए धन्यवाद
दो वर्ष से अतिथि शिक्षक स्कोर कार्ड में संसोधन के लिए भटक रहे थे। हजारों लोगों को योग्यता जुड़वाना है। अपडेशन की तारीख को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। ताकि अतिथि शिक्षकों को स्कोर कार्ड अपडेशन के लिए और समय मिल सके।
हरियाणा या छतीसगढ़ की भांति नीति बनाये सरकार
हरियाणा सरकार ने अतिथि शिक्षकों की सेवा को 58 वर्ष तक यथावत रखने एवं स्थाई शिक्षकों के बराबर वेतन देने का आदेश जारी किया है । प्रतिवर्ष वेतनवृद्धि की लगाई जाती है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने अतिथि शिक्षकों का पद स्थाई करते हुये आदेश जारी किया है कि जहां अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं उस पद पर सीधी भर्ती, स्थानांतरण या पदोन्नति से कोई भी शिक्षक नही आ सकता। अतिथि शिक्षकों को मुख्यमंत्री जी से उम्मीद है शीघ्र अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाकर भविष्य सुरक्षित करेंगे।