कर्मचारी की नियमितीकरण तारीख को नियुक्ति तारीख नहीं मान सकते, हाई कोर्ट - MP karmchari news

Bhopal Samachar
जबलपुर
। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम के एक कर्मचारी की याचिका पर सुनवाई करने के बाद शासन को नियमानुसार निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र किया लेकिन 4 सप्ताह की समय अवधि निर्धारित की है। मामले में स्पष्ट किया गया कि कर्मचारी की नियमितीकरण की तारीख को उसकी नियुक्ति तारीख मानकर वेतन निर्धारित नहीं किया जा सकता। 

नगर निगम के कर्मचारी अनुराग ठाकुर ने हाई कोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी। याचिकाकर्ता का पक्ष अधिवक्ता श्रीकृष्ण मिश्रा ने रखा। उन्होंने दलील दी कि नियमितिकरण से पूर्व दैनिक वेतन भोगी बतौर सेवा दी गई थी लेकिन वह अवधि जोड़े बिना वेतनमान का निर्धारण किया गया है। इससे याचिकाकर्ता को आर्थिक नुकसान हो रहा है। यह रवैया ठीक नहीं। 

कोर्ट में दलील दी गई कि कर्मचारी की वरिष्ठता उसकी नियुक्ति दिनांक से होती है। फिर चाहे वह दैनिक वेतन भोगी हो अथवा नियमित। नियमितीकरण, सेवा के दौरान एक प्रक्रिया है। नियमितीकरण को नियुक्ति नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने शासन को निर्देशित किया कि वह निर्धारित नियमों के अनुसार कर्मचारी के आवेदन का निराकरण करें। इस पूरी प्रक्रिया के लिए 4 सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है।

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