जबलपुर। मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर जिलाध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि कुछ अधिकारी और कर्मचारी 35 से 40 वर्ष सरकारी आवास में रह रहे है। उन्होंने किराए से रहते हुए करीबन 30 लाख रुपये विभागों को दे दिये है ,रिटायरमेंट के पश्चात वह रिक्त सरकारी आवास उन्हें रजिस्ट्री कर दे देना चाहिए।
कर्मचारियों को जिस समय सरकारी आवास आवंटित किए गए थे उस समय आवास की कीमत जितनी थी उससे अधिक कर्मचारी किराया दे चुके है। अनेक कर्मचारियों ने आवास में अयस्थाई निर्माण करवाये है अपने खर्चे पर मरम्मत के अनेकों कार्य करवाये है। भारत सरकार की स्वयं का आवास देने की योजना है।इस दिशा में 250 लाख सरकार छूट भी दे रही है। आज लंबे समय सरकारी नोकरी करने वाले अनेक कर्मचारियों के स्वयं के आवास नहीं है रिटायर मेन्ट के पश्चात वह महंगे आवास नहीं नहीं खरीद पाएंगे। उसके परिवार को जीवन भर किराये के आवास में रहना पड़ेगा।
शंकर शाह नगर,मेडिकल कालोनी,पुलिस क्वाटर,वन, शिक्षा,आई टी आई,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, बरगी हिल्स, स्वास्थ, महिला आई टी आई,विभाग के हजारों कर्मचारी किराये के आवास में रहकर रिटायर हो रहे है।
मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा केयोगेंद्र दुबे, अटल उपाध्याय, रविकांत दहायत ,विश्वदीप पटेरिया,मुकेश मरकाम, संतोष मिश्रा, नरेस शुक्ला,संजय गुजराल, , प्रसांत सोंधिया,यू एस करोसिया,देव दोनेरिया,एस के बांदिल, प्रदीप पटेल,धीरेन्द्र सिंह,अजय दुबे,योगेंद्र मिश्रा,संदीप नेमा, मनोज रॉय,आसुतोष तिवारी, नरेंद्र सेन,चंदू जाऊ लकर,मनोज खन्ना,रवि बांगड़ ने रिटायर होने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को जिस आवास में वह लंबे समय से किराये से रह रहे है , कुछ ग्रेच्यूटी या पेंसन से मिलने वाली राशि लेकर उस आवास की रजिस्ट्री उसके नाम करने की मांग की है जिससे कर्मचारी के परिजनों को जीवन भर किराये के मकान में ना रहना पड़े।