भोपाल। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को इस बार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा साइकिल नहीं दिलाई जाएगी बल्कि ₹4000 का गिफ्ट कूपन दिया जाएगा। स्टूडेंट्स अपनी पसंद की साइकिल खरीद सकते हैं। चाहे तो अपनी जेब से और पैसे मिलाकर महंगी साइकिल भी खरीद सकते हैं। यह पायलट प्रोजेक्ट भोपाल और इंदौर में शुरू किया जा रहा है।
मध्यप्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली विद्यार्थियों को सरकार की तरफ से साइकिल देने की योजना में हर साल गड़बड़ी की शिकायतें आती हैं। डिपार्टमेंट के अफसरों ने हर बार प्रक्रिया को बदलकर देखा परंतु गड़बड़ी की शिकायतें कम नहीं हुई। इस बार फिर एक नया प्रयोग किया जा रहा है। भोपाल एवं इंदौर में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा साइकिल विक्रेताओं का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
विद्यार्थियों को कूपन दिया जाएगा। यह कूपन केवल रजिस्टर्ड दुकानों पर ही स्वीकार किया जाएगा। इन दुकानों से विद्यार्थी अपनी पसंद की साइकिल खरीद सकते हैं। साइकिल की कीमत ₹4000 से अधिक हुई स्टूडेंट को अपनी जेब से पैसे मिलाने पड़ेंगे। हाला की गड़बड़ी की गुंजाइश यहां भी है। निर्धारित नहीं किया गया कि यदि ₹4000 से कम मूल्य की साइकिल खरीदी तो क्या शेष पैसा नगद वापस मिलेगा।
दुकानों के रजिस्ट्रेशन में भी गड़बड़ी होने की संभावना है और यह भी तो हो सकता है कि स्टूडेंट और दुकानदार मिलकर सौदा कर लें। जो साइकिल प्राइवेट स्कूल का स्टूडेंट खरीद कर ले गया है, उसका बिल सरकारी स्कूल के स्टूडेंट को दे दिया जाए। बिना साइकिल के बिल जनरेट हो जाए।