बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में जिला अस्पताल के तत्कालीन RMO डॉ. प्रतीक नवलखे के खिलाफ धोखाधड़ी, गेम्बलिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। पिछले दिनों सीएमएचओ की शिकायत पर अस्पताल का कबाड़ बेचने के मामले में केस दर्ज हुआ था।
लालबाग थाने में महेश पिता बाबूलाल मावले ने शिकायत की कि तत्कालीन आरएमओ ने अस्पताल के अधिनस्थ कर्मचारी गणेश साकरे के नाम से फर्जी खाता खुलवाकर उसमें लाखों रूपए का लेनदेन किया है। क्रिकेट के सट्टे और हवाला में भी रूपए लगाए। पुलिस ने जांच की तो मामला सही पाया। डॉ. नवलखे के खिलाफ धोखाधड़ी, गेम्बलिंग एक्ट के तहत दर्ज किया गया है।
सीएमचओ कार्यालय में भृत्य के पद पर कार्यरत गणेश चाकरे का वेतन महज 8 हजार रूपए है, लेकिन उसके खाते में 23.93 लाख 569 रूपए का ट्रांजेक्शन मिला। पुलिस जांच में पता चला कि आईडीएफसी बैंक में कर्मचारी के नाम से डॉ नवलखे ने खाता खुलवाया था। बैंक मैनेजर ने भी इसकी पुष्टि की। दो माह में 23.93 लाख 569 रूपए का ट्रांजेक्शन हुआ था। बाद में डॉक्टर ने खुद ही खाता बंद करवा दिया था।
डॉक्टर नवलखे के खिलाफ यह थी शिकायत
डॉ. प्रतिक नवलखे द्वारा क्रिकेट और अन्य कामों में सट्टा लगाया जाता है। वह आठ दस दिन इंदौर में ही रहते हैं। साक्ष्यों के अनुसार 31 जनवरी 2020 से 1 नवंबर 2020 को भी इंदौर में ही थे। उन्होंने गणेश साकरे के खाते से इंदौर के खाते में 19 सितंबर 2020 को 1000, 29 को 1 लाख, 30 को 3410, काहिल साइड र्स्पोट्स के खाते में 30 सितंबर 3410, 12 अक्टूबर 2020 को 1.37 लाख 410, ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर के खाते में 12 अक्टूबर 20 को 5 लाख सहित अन्य खातों में राशि डाली गई थी। एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कर्मचारियों के नाम से खाता खोलकर ट्रांजेक्शन किए जाने का मामला सामने आया है। डॉ. नवलखे पर धोखाधड़ी और गेम्बलिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया MP NEWS पर क्लिक करें.