भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगर पालिका एवं नगर निगम चुनाव में शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी के संबंध में गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि किस प्रकार के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा सकती है और चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा गया है।
केंद्रीय और संविदा कर्मचारियों की भी चुनाव ड्यूटी लगाई जाएगी
यदि किसी जिले में मध्य प्रदेश शासन के नियमित कर्मचारियों की संख्या कम है तो केंद्रीय कर्मचारी, बैंक कर्मचारी, भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारी और 3 वर्ष से अधिक सेवा पूरी करने वाले संविदा कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जाए।
संविदाकर्मी को पीठासीन अधिकारी एवं मतदान अधिकारी क्रं 1 पद पर नियुक्त न करें, क्योंकि पीठासीन अधिकारी की अनुपस्थिति में मतदान अधिकारी क्रं. 1 ही पीठासीन अधिकारियों के दायित्वों की पूर्ति करता है। संविदा कर्मियों को मतदान अधिकारी क्रमांक 2 तथा 3 एवं 4 के पद पर मतदान दल में सम्मिलित किया जा सकता है।
मध्य प्रदेश चुनाव में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी संबंधी गाइडलाइन
यदि पुरुष कर्मचारियों की कमी की वजह से महिला कर्मचारी की नियुक्ति करना आवश्यक हो तो कम से कम 2 महिला कर्मचारियों को मतदान दल में रखा जाए। महिला मतदान अधिकारी की ड्यूटी उसी विकासखण्ड में लगायी जाये, जिसमें वह कार्यरत है। ऐसी महिला मतदान अधिकारी को मतदान की पूर्व संध्या से ही मतदान केन्द्र में उपस्थित रहने की अनिवार्यता से छूट देते हुए मतदान प्रारंभ होने के 1 घंटा पूर्व मतदान केन्द्र पर उपस्थित होने की अनुमति दी जाये।
मध्य प्रदेश के इन विभागों के कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी नहीं लगेगी
अत्यावश्यक सेवाओं जैसे लोक-स्वास्थ्य, जल-प्रदाय, परिवहन, दुग्ध-प्रदाय, वाणिज्यिक कर, आबकारी पंजीयन एवं मुद्रांक तथा विद्युत प्रदाय में संलग्न फील्ड स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदान दलों में सम्मिलित नहीं किया जाये। इन विभागों के उन कर्मचारियों की निर्वाचन में ड्यूटी लगायी जा सकती है, जो कार्यालय में कार्य करते हैं। न्यायिक सेवा के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों को निर्वाचन ड्यूटी से मुक्त रखा गया है। अत: उनकी ड्यूटी निर्वाचन में नहीं लगायी जाये।
श्री सिंह ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवानिवृत्ति में 6 माह या उससे कम समयावधि शेष हो, उन्हें मतदान दल में शामिल नहीं किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन सम्बंधी अन्य कार्य कराये जा सकते हैं। दिव्यांग/नि:शक्त कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल न किया जाये। ऐसे कर्मचारियों से निर्वाचन संबंधी अन्य कार्य कराया जा सकता है।
कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी उसके गृह क्षेत्र में नहीं होनी चाहिए
किसी विकासखंड में पदस्थ किसी अधिकारी/कर्मचारी को उसी विकासखंड के किसी मतदान केन्द्र पर पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के तौर पर नियुक्त न किया जाये। कोई भी अधिकारी/कर्मचारी जो किसी विकासखंड का मूल निवासी हो उसे, उस विकासखंड में आने वाले किसी मतदान केन्द्र में पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के रूप में नियुक्त न किया जाये।
किस प्रकार के कर्मचारी को पीठासीन अधिकारी बनाया जा सकता है
निर्वाचन के पश्चात प्रत्येक मतदान केन्द्र पर ही पंच/सरपंच पद के मतों की गणना का कार्य "आपवादिक मामलों को छोड़ कर'' किया जायेगा। यह कार्य पीठासीन अधिकारी के पर्यवेक्षण तथा निर्देशन में मतदान अधिकारियों द्वारा किया जायेगा। पीठासीन अधिकारी का चयन वरिष्ठता और अनुभव को ध्यान में रखते हुए सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए, ताकि वह मतदान तथा मतगणना के समय महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य को निर्भीकता, विश्वास और दक्षता के साथ सम्पन्न कर सके।
यदि जिलों में मतदान दल की कमी हो तो जिले के कलेक्टर अपने संभागीय आयुक्त से समीप के जिलों से मतदान दल उपलब्ध कराने के लिए निवेदन कर आयोग को सूचित कर सकते हैं।