भोपाल। क्या कोई ग्राम पंचायत सचिव इतना पावरफुल हो सकता है कि आचार संहिता का खुला उल्लंघन करने के बाद भी कलेक्टर उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न कर पाए। मध्यप्रदेश के भिंड में ऐसा हुआ है। पंचायत सचिव खुलेआम अपनी पत्नी का प्रचार कर रहा था। कलेक्टर को पता था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। प्रेक्षक को लिखा पढ़ी करनी पड़ी तब कहीं जाकर पंचायत सचिव को निलंबित किया गया।
भिंड जिले के पावरफुल पंचायत सचिव का नाम हीरेंद्र प्रताप नरवरिया है। इनकी पत्नी वार्ड क्रमांक 7 पावई से जिला पंचायत सदस्य के लिए चुनाव लड़ रही हैं। हीरेंद्र प्रताप मूल रूप से भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और खुलेआम राजनीति करते हैं। हर चुनाव में उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई होती है। सन 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी का प्रचार करने के कारण इन्हें सस्पेंड किया गया था।
जिला पंचायत सीईओ जेके जैन ने बताया कि ग्राम पंचायत रिदौली और ऐंतहार के सचिव हीरेंद्र प्रताप सिंह नरवरिया की पत्नी पूजा नरवरिया जिला पंचायत के वार्ड सात पावई से सदस्य पद का चुनाव लड़ रही हैं। 16 जून को अटेर रिटर्निंग आफिसर के पत्र पर सचिव को जिला पंचायत कार्यालय में अटैच कर दिया गया था, लेकिन आदेश का उल्लंघन करके पंचायत सचिव सिर्फ चुनाव प्रचार करने चले गए।
विरोधियों ने उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर से शिकायत की गई परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंत में विरोधियों ने चुनाव प्रेक्षक को सबूतों के साथ शिकायत की। जब उन्होंने लिखा पढ़ी की तब कहीं जाकर कलेक्टर सतीश कुमार एस ने ग्राम पंचायत सचिव हीरेंद्र प्रताप सिंह नरवरिया को सस्पेंड किया।
विरोधियों का कहना है कि सस्पेंड करने से उसे चुनाव प्रचार की खुली छूट मिल जाएगी अतः उन्हें ग्वालियर चंबल संभाग के बाहर किसी जिले में चुनाव ड्यूटी पर लगाया जाना चाहिए।