भोपाल। शुक्रवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए नवीन स्कूल शिक्षण सत्र एवं नगरीय निकाय चुनावों से पूर्व स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 को पूर्ण कराने की मांग की है।
ज्ञात हो कि पिछले 4 वर्षों से शिक्षक भर्ती बड़ी ही धीमी गति से चल रही है। प्रदेश के शासकीय स्कूलों में प्रत्येक विषय के हजारों पद रेट है। पूरे प्रदेश में 87,630 पद रिक्त बतलाए जा रहे हैं। रिक्त पदों की संख्या के अनुपात में कम भर्ती होने से पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश दिखाई दे रहा है, जबकि 2018 में स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 62,000 शिक्षक भर्ती की बात कही थी।
ज्ञापन पत्र में प्रमुख रूप से शिक्षक भर्ती के लिए द्वितीय काउंसलिंग में पूर्व से चयनित अभ्यर्थियों के नामों की पुनरावृत्ति ना होने की मांग को भी प्रमुखता से दर्शाया गया है। प्रथम चरण में देखा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग एवं जनजातीय विभाग द्वारा एक ही अभ्यर्थी का नाम दोनों वर्गों में एवं दोनों विभागों में सम्मिलित कर दिया गया जिससे वेटिंग व अन्य पात्र अभ्यर्थियों को खामियाजा उठाना पड़ा। सेकंड काउंसलिंग के लिए अंतिम चयन एवं प्रतीक्षा सूची में अधिकतम पात्र अभ्यर्थियों के वेरिफिकेशन कराने की मांग भी की गई।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रंजीत गौर, आलोक शर्मा,दीपक मिश्रा, वीरेंद्र ताम्रकार, सुयश श्रीवास्तव, रामाशंकर,रघुनाथ सोलंकी, कपिल परमार,संदीप कपूर, सुरेंद्र दांगी, अनिल निनाम सहित अन्य अभ्यर्थियों ने बतलाया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा हर बार सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है परंतु अभी तक शिक्षक भर्ती का दूसरा चरण शुरू नहीं किया गया है। अत: हमारी मांग है कि पदवृद्धि के साथ द्वितीय काउंसलिंग करते हुए शेष पात्र अभ्यार्थियों को भी शीघ्र नियुक्तियां प्रदान की जाएं।
लोक शिक्षण संचालनालय के सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी पात्र अभ्यार्थियों की मांगों का समर्थन करने पहुंचे। ज्ञापन पत्र में समस्त विषयों को समान रूप से महत्व देते हुए शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग भी प्रमुखता से की गई है।
लोक शिक्षण संचालनालय आयुक्त के साथ-साथ आयुक्त जनजातीय विभाग, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम भी ज्ञापन पत्र सौंपकर शिक्षक भर्ती पूर्ण कराने की मांग की गई। इससे पूर्व भी पात्र अभ्यर्थियों द्वारा कई बार भोपाल में विरोध प्रदर्शन किए जा चुके हैं।
हालांकि नगरीय-निकाय चुनावों की वजह से आचार संहिता लागू हो जाने के कारण पात्र अभ्यर्थियों का प्रदर्शन प्रदेश व्यापी ना होकर सांकेतिक मात्र रहा। राजधानी भोपाल पहुंचे अभ्यर्थियों ने पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में पूर्णतः अनुशासन का पालन करते हुए अपनी मांगों को रखा। वहीं मुख्यमंत्री एवं स्कूल शिक्षा के बंगले का घेराव करने जाते हुए अभ्यर्थियों को पुलिस प्रशासन द्वारा पॉलिटेक्निक चौराहे पर ही रोक दिया गया और उसमें से सिर्फ दो प्रतिनिधियों को मंत्रीजी के बंगले तक पुलिस प्रशासन द्वारा पहुंचाया गया और ज्ञापन पत्र निज सचिव को दिलवाया गया।