सतना। सतना जिले में सरपंच पद की मतगणना के दौरान कुछ मतपत्र पीठासीन अधिकारी के बंडल में बंधे मिलने पर इस कदर हंगामा हुआ कि सरपंच पद की मतगणना रोक दी गई और मतपेटियों को जनपद मुख्यालय के स्ट्रॉन्ग रूम ले जाया गया। इस दौरान पीठासीन अधिकारी पर पक्षपात के गंभीर आरोप भी लगे।
मझगवां जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत झखौरा के मतदान केंद्र क्रमांक 169 में शनिवार की देर रात मतगणना के दौरान बवाल खड़ा हो गया। झखौरा के कन्दैला के सरकारी स्कूल में चल रही मतगणना में जिला पंचायत व जनपद पंचायत सदस्यों को मिले मतों की गिनती के बाद जब सरपंच पद की मतगणना शुरू हुई तो कुल पड़े मतों की संख्या से 17 वोट कम मिले। जब इन वोटों की तलाश की गई तो पीठासीन अधिकारी के बंडल में 17 वोट बंधे हुए मिले।
इस पर वहां मौजूद प्रत्याशियों के गणना अभिकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ प्रत्याशी वहां पहले से मौजूद थे तो कुछ मतपत्र गायब होने की जानकारी मिलने के बाद आ पहुंचे। पीठासीन अधिकारी पर लोगों ने पक्षपात करते हुए एक प्रत्याशी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझ कर मतपत्र गायब के आरोप लगाना शुरू कर दिया। मतदान दल सफाई देने की कोशिश करता रहा लेकिन किसी ने एक न सुनी।
महिला प्रत्याशी के प्रतिनिधि संदीप त्रिपाठी ने इसकी शिकायत रिटर्निंग अफसर से की। शिकायतकर्ता का कहना था कि 17 वोट पीठासीन अधिकारी ने अपने बैग में रख लिए थे। घंटों चले हंगामे के बाद रिटर्निंग अफसर के निर्देश पर मतपत्रों का पंचनामा बनाया गया और सभी मतों को जनपद मुख्यालय ले जाया गया। इन मतों की गिनती अब जनपद मुख्यालय में होगी।
बताया जाता है कि यहां 418 वोट पड़े थे। मतपेटियां खुलीं तो उसमे इतने ही वोट निकले भी और जिला-जनपद सदस्यों के लिए इतने ही मतों की गिनती कर गणना पत्रक प्रत्याशियों के एजेंटों को दे दिए गए। लेकिन जब बारी सरपंच पद के मतों की गिनती की आई तो कुल 401 वोट ही मिले, 17 वोट गायब थे। जब गिनती पूरी हुई तो पता चला कि 17 वोट कम हैं। ये वोट कहां गए इसकी तलाश की गई तो वोट पीठासीन अधिकारी के पास मिले। बताया तो यह भी जाता है कि नाराज लोगों ने मतदान दल को रोक लिया था।