कर्मचारी, महिला और बच्चों के अपराधियों को कभी रिहाई नहीं मिलेगी, नई पॉलिसी- MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल
। मध्यप्रदेश में जेल को सुधार घर कहा जाता है। यदि कैदी के आचरण में सुधार होता है तो उसे समय से पहले रिहा कर दिया जाता है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को अच्छे आचरण वाले अपराधियों को रिहा किया जाता है लेकिन शासकीय कर्मचारी, महिला और बच्चों के प्रति अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर रिहाई नहीं मिलेगी। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार नई पॉलिसी बना रही है। 

मध्यप्रदेश में सरकार के कानून विशेषज्ञ उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और महाराष्ट्र की पॉलिसी का अध्ययन कर रहे हैं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या कठोर नियम बनाने से अपराधों में कमी होती है। सूत्रों का कहना है कि ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है। यह तय किया गया है कि सरकार की मंशा के अनुरूप बच्चों, महिलाओं, सरकारी कर्मचारी की हत्या, मादक पदार्थ और आतंकवाद से जुड़े मामलों में आजीवन कारावास की सजा पाए कैदियों को रिहाई के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसी तरह सीबीआइ, राष्ट्रपति द्वारा मृत्युदंड को आजीवन कारावास में परिवर्तित करने के मामले में भी रिहाई का प्रधान लागू नहीं होगा। 

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में सभी राज्य सरकारों को आजीवन कारावास के सजा पाए कैदियों की रिहाई की नीति के संबंध में विचार करने के लिए कहा था। मध्य प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने मई 2022 में इसके लिए अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल डा.राजेश राजौरा की अध्यक्षता में समिति बनाई। जिसने संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। अंतिम फैसला मुख्यमंत्री लेंगे। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!