मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में कर्मचारियों को नहीं मिला मतदान का अधिकार - MP NEWS

मंडला
। पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा प्रबंध नहीं किए जाने के कारण जिले के सैकड़ों कर्मचारी मतदान के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।‌ आजाद अध्यापक शिक्षक संघ मंडला ने कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं सहायक आयुक्त नोडल अधिकारी को ज्ञापन मेल कर यह बात कही। 

जिलाध्यक्ष संतोष सोनी संयोजक संजीव वर्मा एवं संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में पंचायत चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए गए हैं।  प्रथम चरण में विकासखंड मवई, बिछिया एवं नैनपुर की पंचायतों में 25 जून को मतदान होना है जिसमें विकासखंड में कार्यरत कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगी है।  चुनाव ड्यूटी तो लगा दी है किंतु वोटिंग सुविधा का अधिकार देने के लिए कोई प्रावधान नहीं है जिससे चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों में मायूसी है। 

विधानसभा व संसदीय चुनाव में चुनाव ड्यूटी में कार्यरत कर्मचारियों के मताधिकार को सुरक्षित रखने के लिए पोस्टल बैलट पेपर या ईडीसी इत्यादि की व्यवस्था की जाती है लेकिन स्थानीय चुनावों में जहां एक-एक वोट की महत्ता होती है के समय जिला प्रशासन कर्मचारियों के वोट के अधिकार को बिल्कुल ही भूल गया। 

वही दूसरी तरफ पंचायत चुनाव में P4 अधिकारी की ड्यूटी कैंसिल कर के चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है ज्ञात हो कि  चुनाव में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्यों का निर्वाचन होना है यदि किसी पोलिंग बूथ में 500 मतदाता है तो 1 मतदाता को 4 वोट डालने हैं अतः कुल मतदाता दो हजार होते हैं। निर्वाचन भी समय पर संपन्न हो, और वोटिंग प्रतिशत भी अच्छा हो, कर्मचारी भी कम हो, इन सभी विषम परिस्थितियों में कर्मचारियों को चुनाव संपन्न कराकर मतगणना भी वही करने के निर्देश हैं, ऐसे में कुल 4 कर्मचारी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। मांग की गई है की P4 कर्मचारी भी दिया जाए। 

ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों को ब्लॉक स्तर पर पहुंचने की व्यवस्था भी लचर है। प्रशिक्षण के दौरान बताया जा रहा है कि आप को मतदान के 3 दिन पहले संबंधित ब्लाक में अपने साधन से पहुंचना है प्रशिक्षण में स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया कि आपके लिए एक नियत जगह में बस या कोई साधन उपलब्ध रहेगा। जैसा कि पूर्व में होता रहा है । कर्मचारियों को अपने साधन से ही ब्लॉक में पहुंचने की सलाह दी गई है किसी कारण बस यदि कोई कर्मचारी नहीं पहुंच पाता है तो उसके ऊपर कार्यवाही अवश्य हो जावेगी ।‌अतः कर्मचारी किसी भी साधन से ब्लॉक पर पहुंचे इसकी कोई भी अधिकृत व्यवस्था नहीं की गई है। 3 दिन पूर्व पहुंचकर कर्मचारी स्वयं के पैसे से खाने एवं चाय नाश्ता की व्यवस्था करेगा। कर्मचारियों ने इसका विरोध किया है।

पुनः प्रशिक्षण के निर्देश-
तीन बार चुनाव का प्रशिक्षण कर चुके कर्मचारियों को ब्लॉक स्तर पर पहुंचकर उन्हें प्रशिक्षण के निर्देश का पालन करना पड़ेगा। संगठन ने इस प्रशिक्षण को औचित्य हीन बताया है।

कर्मचारियों का हो बीमा-
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ में मांग की है कि जो भी कर्मचारी चाहे P1, P2, P3 पीठासीन अधिकारी एवं वे समस्त कर्मचारी जो चुनाव प्रक्रिया में संलग्न है सभी का बीमा चुनाव संपन्न होने तथा घर तक सकुशल पहुंचने तक के लिए किया जावे।

राज्य शिक्षा केंद्र का चल रहा डंडा-
चुनाव के दौरान ही राज्य शिक्षा केंद्र अपना डंडा कर्मचारियों पर पूरी मुस्तैदी से चला रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र ने नए शिक्षण सत्र की शुरुआत पर कर्मचारियों से काम लेना शुरू कर दिया है एक तरफ कर्मचारी चुनाव में भी और स्कूल में भी अपनी भूमिका निभा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र अब तक कक्षा पांचवी और आठवीं का परिणाम घोषित नहीं किया है और ना ही अंकसूची वितरित की गई है।  ऊपर से मैपिंग का डंडा कर्मचारियों पर चला रही है । संगठन ने मांग की है कि कर्मचारी सभी दायित्वों का निर्वहन करेगा, किंतु उसकी सुरक्षा एवं उसके अधिकार भी उसे प्राप्त हों। कर्मचारियों को वोट डालने का अधिकार कर्मचारियों को बीमा अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए। और यदि बीमा की सुविधा है तो कर्मचारियों के लिए स्पष्ट आदेश प्रसारित किया जाए।

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