भोपाल। नौतपा में तपकर लाल हो गए मध्य प्रदेश के कई इलाकों में मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। बादल भारतीय सीमा में प्रवेश कर चुके हैं और मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ रहे हैं। आइए बादलों के इंतजार में इंतजार में सामान्य ज्ञान बढ़ाते हैं। मध्य प्रदेश के किस जिले में कहां से बादल आते हैं, पता लगाते हैं:-
मध्य प्रदेश के 20 जिलों में पश्चिम बंगाल से बादल आते हैं
Gagan Khelwadi ने इस जानकारी को हम तक पहुंचाया है। बताया है कि मध्यप्रदेश के पूर्वी हिस्से में अनूपपुर, बालाघाट, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, डिंडोरी, जबलपुर, कटनी, मंडला, नरसिंहपुर, पन्ना, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शहडोल, सीधी, सिंगरौली टीकमगढ़ और उमरिया जिले आते हैं। इन जिलों में पश्चिम बंगाल से आने वाला मानसून प्रवेश करता है। पूर्वी मध्य प्रदेश में बंगाल से आने वाली हवाओं का असर दिखाई देता है। पश्चिम बंगाल की गतिविधियों से पूर्वी मध्य प्रदेश में बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है।
मध्य प्रदेश के 30 जिलों में अरब सागर के बाद अलार्म हैं
पश्चिमी मध्यप्रदेश के आलीराजपुर, अशोकनगर, बड़वानी, बैतूल, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, दतिया, देवास, धार, गुना, ग्वालियर, हरदा, होशंगाबाद, इंदौर, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नीमच, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, सीहोर, शाजापुर, श्योपुर, शिवपुरी, उज्जैन और विदिशा जिले आते हैं । इन जिलों में अरब सागर से मानसून प्रवेश करता है। यहां अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाओं का असर रहता है। इसी से बारिश होती है।