Madhya Pradesh Public Service Commission Indore द्वारा आयोजित राज्य सेवा एवं राज्य वन सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 दिनांक 19 जून को स्थगित करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल हुई जनहित याचिका पर सुनवाई की गई। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग को फटकार लगाई परंतु परीक्षा स्थगित नहीं की है।
उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरफ से प्रस्तुत अधिवक्ता से कहा कि आप लोग 6 से 8 साल तक लगा देते हैं और किसी एक परीक्षा को भी पूरा नहीं करवा पाते हैं। यह जनहित याचिका आकाश पाठक की ओर से प्रस्तुत की गई थी। इस जनहित याचिका का उद्देश्य मध्य प्रदेश पीएससी के द्वारा लगातार की जा रही संवैधानिक नियमों की अवहेलना और हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की अवमानना है।
याचिका दर्ज करने वाले आकाश पाठक ने बताया कि हाईकोर्ट के नियम के अनुसार जो अंतरिम आदेश दिया गया है उसी को आधार बनाते हुए सभी परीक्षा करवाएंगे मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 2019 और 2020 पीएससी परीक्षा को विवाद में डाल दिया है 2019 की परीक्षा हाई कोर्ट द्वारा 7 अप्रैल 2022 को असंवैधानिक घोषित कर दी गई है उसके बावजूद अभी तक उसका प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी नहीं किया गया है।
इसी प्रकार से 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में भी हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश की अवमानना करते हुए ओबीसी को 27% आरक्षण दिया गया है ठीक इसी प्रकार से 2021 की प्रारंभिक परीक्षा के नोटिफिकेशन में ओबीसी को 31% आरक्षण दिया गया है जोकि संवैधानिक नियमों के खिलाफ है और हाई कोर्ट की अवमानना है।