Rani Durgavati Vishwavidyalaya, Jabalpur MP द्वारा संचालित एग्रीकल्चर डिग्री कोर्स की वैधता पर सवाल उठाते हुए, हाईकोर्ट में जनहित याचिका के माध्यम से रोक लगाने का निवेदन किया गया है। बताया गया है कि रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी द्वारा अवैध रूप से एग्रीकल्चर डिग्री कोर्स में एडमिशन दिए जा रहे हैं।
जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डा.पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र वर्मा पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने अवगत कराया कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर और छिंदवाड़ा साईंखेड़ा के निजी शिक्षण संस्थान में ICAR की अनुमति के बिना कृषि शिक्षण जारी है। नियमानुसार प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट में उत्तीर्ण हुए बिना छात्रों को एग्रीकल्चर डिग्री कोर्स में दाखिला नहीं दिया जा सकता, लेकिन रादुविवि व निजी संस्थान में ऐसा हो रहा है। लिहाजा, इन डिग्रियों की वैधता कठघरे में है।
जबलपुर व ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षण को ICAR के मापदंड अनुरूप परीक्षण बोर्ड से प्रमाणित किया गया है, इसलिए यहां शैक्षणिक गुणवत्ता के अनुसार कृषि पाठ्यक्रमों का अध्यापन कराया जा रहा है। इसके विपरीत रादुविवि व निजी शिक्षण संस्था कृषि के अध्यापन को प्रश्नवाचक बनाए हुए हैं। लिहाजा, रोक आवश्यक है।