बच्चों को मोटिवेट करने के लिए दशकों से यह कहा जाता रहा है कि अपनी स्कूलिंग के समय महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी एक एवरेज स्टूडेंट थे और कक्षा 10 में बेसिक मैथ्स के पेपर में फेल हो गए थे। सारी दुनिया वर्षों से इसी बात पर विश्वास करती आ रही है और इसे इसी प्रकार बच्चों को बताती आ रही है।
हम आपको बताते हैं कि ऐसा बिल्कुल कुछ भी नहीं हुआ था। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन अपने स्कूल में ब्रिलिएंट और टॉपर्स स्टूडेंट थे। गणित में भी टॉप किया करते थे। इतिहास में कहीं भी अल्बर्ट आइंस्टीन की वह मार्कशीट दिखाई नहीं देती जिसमें उन्हें कक्षा 10 में बेसिक मैथ्स के पेपर में फेल दिखाया गया हो। अलबत्ता इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि अल्बर्ट आइंस्टीन, बचपन से ही एक बुद्धिमान विद्यार्थी थे। फिजिक्स में उनकी काफी रुचि थी और इसके कारण गणित में भी अच्छा प्रदर्शन करते थे।
कॉमन सेंस वाली बात है। फिजिक्स जैसे सब्जेक्ट की पढ़ाई के लिए गणित की नॉलेज होना बहुत जरूरी है। जिसका बेसिक मैथ्स कमजोर होता है, वह बड़े होकर फिजिक्स का विद्वान नहीं हो सकता। मोटिवेट करने के लिए कहानी अच्छी बनाई गई है लेकिन उसमें अल्बर्ट आइंस्टीन के नाम का जिक्र नहीं होना चाहिए था और यदि अल्बर्ट आइंस्टीन का नाम लिखना जरूरी था तो फिर उन्हें गणित के पेपर में फेल नहीं बताना चाहिए था।
अल्बर्ट आइंस्टीन की इस कहानी से प्रेरित होकर कई बच्चे स्कूल में पढ़ाई नहीं करते। कहते हैं कि बड़े होकर अल्बर्ट आइंस्टीन जैसा महान वैज्ञानिक बनने के लिए बचपन में स्कूल में पढ़ना जरूरी नहीं है।