जबलपुर। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि शासकीय कर्मचारियों का समूह बीमा करवाया जाता है। 12 साल पहले ढाई लाख रुपए का बीमा किया गया था जिसका प्रीमियम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ₹100, तृतीय श्रेणी कर्मचारी ₹200, द्वितीय श्रेणी अधिकारी 400 एवं प्रथम श्रेणी अधिकारियों का ₹600 है। इतने सालों में सब कुछ बदल गया लेकिन बीमा आज भी ढाई लाख रुपए का ही होता है।
पिछले 12 वर्षों में कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन लभगभ दो गुना हो गया है किन्तु बीमा राशि में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। राज्य कर्मचारियो/अधिकारियों को 2016 से सातवें वेतनमान दिया जा रहा है किन्तु समूह बीमा राशि पांचवें वेतनमान से काटी जा रही है। ऐसी स्थिति में यदि सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित परिवार को मात्र 2.5 लाख बीमा राशि ही मिल पाती है जो मंहगाई को देखते हुए बहुत कम है।
संघ के मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, नितिन अग्रवाल, श्यामनारायण तिवारी, शुभसंदेश सिंगौर, प्रमोद वर्मा, प्रणव साहू, गगन चौबे, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, प्रशांत शुक्ला, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, मनीष लोहिया, राकेश पाण्डे, मनीष शुक्ला, सुदेश पाण्डे, विनय नामदेव, पवन ताम्रकार, संजय साहू, विष्णु पाण्डे, मनोज सेन, संतोष तिवारी, महेश कोरी, वेदप्रकाश गुप्ता, बृजेश गोस्वामी, आदि ने मुख्य सचिव म.प्र.शासन से मांग की है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की समूह बीमा योजना अंतर्गत काटी जानी वाली राशि सातवें वेतनमान के अनुरूप रू 500 प्रतिमाह की जावे।