भोपाल। मध्य प्रदेश के कॉलेजों में अब यूजी के छात्र-छात्राएं उर्दू गज़ल को आर्ट्स के एक इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ सकेंगे एवं उर्दू गज़ल में अपना करियर भी बना सकेंगे। इसी के साथ भारतीय संगीत के विविध आयाम, कोर्स भी इलेक्टिव सब्जेक्ट के रूप में शामिल किए गए हैं, जिसमें लोक संगीत, सुगम संगीत और उप शास्त्रीय संगीत आदि शामिल हैं।
गौरतलब है कि इसमें उर्दू गज़ल से जुड़ी उन खास शख्सियतों के बारे में पढ़ाया जाएगा, जिन्हें देश दुनिया में पसंद किया जाता है। छात्र-छात्राओं को वली, मीर, आतिश जैसे गज़लकारों की गजलगोई के बारे में पढ़ाया जाएगा। गालिब, दाग, इकबाल, फिराक, मजरूह आदि के लेखन और रचनाओं की भी जानकारी दी जाएगी। इसी के साथ छात्र-छात्राओं ने गज़ल की समझ पैदा करने, उसके लेखन, प्रशंसा और आलोचना के गुण भी सिखाए जाएंगे।
शिक्षा के अधिकारियों के मुताबिक यह कोर्स उन छात्र- छात्राओं के लिए काफी फायदेमंद है जिन्हें उर्दू साहित्य, गज़ल और शायरी में रुचि है और वे इससे क्षेत्र में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं। इस इलेक्टिव सब्जेक्ट का पेपर 100 नंबर का होगा, जिसमें 25 नंबर इंटरनल असेसमेंट के तथा 75 नम्बर एक्सटर्नल एसेसमेंट के होंगे।
इसी के साथ भारतीय संगीत के विविध आयाम कोर्स को भी इलेक्ट्रिक सब्जेक्ट के तौर पर शामिल किया गया है। इसमें लोक संगीत,सुगम संगीत और उप शास्त्रीय संगीत की जानकारी दी जाएगी। हिंदी फिल्मों में प्लेबैक सिंगर के जीवन संघर्ष, संगीत में उनके योगदान के बारे में पढ़ाया जाएगा। इसके पाठ्यक्रम में खमाज, भैरवी राग और ताल शामिल हैं। आकाशवाणी और दूरदर्शन के संगीत कार्यक्रम और क्षेत्रीय संगीत समारोह की समीक्षा भी इसमें शामिल की गई है।