आपने भी अनुभव किया होगा। सस्ती कारों के दरवाजे बंद करने पर ठन आवाज आती है जबकि महंगी लग्जरी कार का दरवाजा बंद करने पर ढअप आवाज आती है। भोपाल समाचार के एक नियमित पाठक दीपांशु शुक्ला ने प्रश्न किया है कि आवाज में यह अंतर क्यों होता है। आइए पता लगाते हैं:-
यह बताने की जरूरत नहीं की ठन और ढअप आवाज के बीच सबसे बड़ा अंतर फीलिंग का होता है। जब आप कार के अंदर सवार हो रहे होते हैं और दरवाजा बंद करने पर ढअप आवाज आती है तो आप खुद को रिच फील करते हैं। सारा खेल साउंड का है। ठन आवाज से वह फीलिंग नहीं आती। साफ समझ में आता है कि कोई लोकल किस्म का लॉक काम कर रहा है।
कार निर्माता कंपनियां दरवाजे को बंद करने पर निकलने वाले इस साउंड के लिए पूरी एक स्पेशलिस्ट टीम को अप्वॉइंट करती हैं। कुछ सालों पहले जब नई कार लाइटवेट बनाने के लिए धातु की पतली चादर का उपयोग किया जा रहा था तो दरवाजा बंद करने पर बड़ी अजीब सी आवाज आती थी। इसके कारण एक बेड फीलिंग होती थी।
दरअसल, एक स्टडी के दौरान पाया गया कि कार के दरवाजे की आवाज यात्रियों का फील बदल देती है। इसके बाद कंपनियों ने काफी रिसर्च एंड डेवलपमेंट किए और अंत में डिसाइड किया गया की ढअप आवाज लोगों को रिच फीलिंग देती है। इसके लिए दरवाजों में कुछ खास चीजों का उपयोग किया जाने लगा और आज यह आवाज सभी यात्रियों की पसंद बन गई है।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में कहा जाता है कि इंजीनियर कार के दरवाजे की मजबूती के लिए इतना काम नहीं करते जितना कार डोर ओपनिंग और क्लोजिंग साउंड के लिए करते हैं, क्योंकि यह डिमांड में हैं और इससे कार की कीमत बढ़ जाती है। प्रत्येक ब्रांड के अपने साउंड इंजीनियर होते हैं जो मैट या फोम जैसी नरम सामग्री के विशिष्ट संयोजनों का उपयोग करते हैं और अवांछित शोर को अवशोषित या अवरुद्ध करने और एक अनूठी ध्वनि बनाने के लिए उन्हें दरवाजे की धातु की सतहों पर विशेष प्रकार से लगाते हैं।