भोपाल। बीटेक के स्टूडेंट निशांक राठौर की संदिग्ध मृत्यु के मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की जांच पूरी हो गई है। सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट तैयार की जा रही है जो एसपी रायसेन को सौंपी जाएगी। जांच में उन सभी सवालों का जवाब दर्ज किया गया है जो मृत्यु के बाद पूछे गए एवं लोग जानना चाहते हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस सफलता प्राप्त करने के बाद पूरे मामले का खुलासा करेगी।
पुलिस के मुताबिक, औबेदुल्लागंज से 9 किलोमीटर आगे बरखेड़ा गांव से मिडघाट 10 किलोमीटर दूर है इसलिए ट्रेन की रफ्तार भी तेज थी। घटना के ठीक 3 मिनट पहले घटनास्थल से ही, निशांक के मोबाइल से उनके पिता पिता उमाशंकर राठौर को एक कॉल किया गया था। तीन मिनट बाद ट्रैक से जीटी एक्सप्रेस गुजरी। इसके 10 मिनट बाद एक स्पेशल ट्रेन ने बरखेड़ा क्रॉस किया। इस स्पेशल ट्रेन के लोको पायलट ने रेलवे अफसरों को बरखेड़ा में रेलवे ट्रैक के किनारे एक युवक के गिरे होने की सूचना शाम 6.13 बजे दी थी। यानी निशांक की मृत्यु जीटी एक्सप्रेस से 6:03 बजे हुई है। इसी हादसे में उसका एक पैर कट गया।
इन्वेस्टिगेशन अफसरों के मुताबिक, निशांक के मोबाइल की स्क्रीन 10 से 15 सेकंड के अंतर से ऑटोलॉक हो रही थी। घटना के दिन शाम 5:26 बजे निशांक के मोबाइल से सोशल मीडिया पोस्ट क्रिएट की गई थी। सोशल मीडिया पर इस पोस्ट के अपलोड होने के कुछ मिनट बाद उसके 4 दोस्तों ने मैसेज करके मामला पूछा था। इसके बाद निशांक के मोबाइल से चारों ही दोस्तों को शॉर्ट मैसेज में रिप्लाई भी दिया गया था।
AIIMS भोपाल के डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन की एक सीनियर डॉक्टर ने बताया कि निशांक की मौत ट्रेन से पैर कटने के बाद हुई हैवी ब्लीडिंग से हुई है। छात्र का एक पैर कटा है। ब्लीडिंग के चलते छात्र शॉक में चला गया। इसी ब्लीडिंग के कारण उसकी मौत हो गई।