भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हार गए। चुनाव परिणाम से लेकर अध्यक्ष पद के निर्वाचन की 1 दिन पहले तक पूरी बाजी दिग्विजय सिंह के हाथ में थी। 1 दिन में सब कुछ बदल गया और दिग्विजय सिंह भोपाल में एक बार फिर जीती बाजी हार गए।
राजगढ़ गुना के नेता दिग्विजय सिंह 2019 में भोपाल की राजनीति में शिफ्ट हो गए थे। लोकसभा चुनाव लड़े और हारे लेकिन भोपाल नहीं छोड़ा। यहां कांग्रेस पार्टी के सभी फैसले दिग्विजय सिंह करते हैं। टिकट भी दिग्विजय सिंह ही बांटते हैं। नगर निगम महापौर के चुनाव में दिग्विजय सिंह ने अपना पद और प्रतिष्ठा सब कुछ दांव पर लगा दिया था, लेकिन जीत नहीं पाए।
मध्य प्रदेश में पंचायत स्तर के चुनाव, पार्टी के मैंडेट पर नहीं लड़े जाते लेकिन चुनाव लड़ने वाले नेता किसी ना किसी पार्टी से संबंधित होते हैं और उन्हें अधिकृत प्रत्याशी के बजाय समर्थित प्रत्याशी कहा जाता है। राजधानी भोपाल में जिला पंचायत के चुनाव परिणाम आने के बाद सब कुछ दिग्विजय सिंह के पाले में चला गया था। कहा जा रहा था कि दिग्विजय सिंह जिसे चाहेंगे वही जिला पंचायत अध्यक्ष होगा। दिग्विजय सिंह ने रश्मि भार्गव को अध्यक्ष पद के लिए मैदान में उतारा।
अचानक सीन बदल गया। कांग्रेस पार्टी के नेता नवरंग गुर्जर की पत्नी जो कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीती हैं, अचानक भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ नजर आईं। गुर्जर दंपति, बिजिया राजौरिया और कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के तौर पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीते कुछ अन्य नेता ऐन मौके पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस प्रकार अचानक सब कुछ बदल गया और भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर 1 घंटे पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई रामकुंवर गुर्जर निर्वाचित हो गई।
#WATCH | A scuffle broke out between Congress MP Digvijaya Singh & BJP MLA Vishvas Sarang outside the District Panchayat office in Bhopal, Madhya Pradesh after Congress alleged that the police & administration were working under pressure of government during the local body polls pic.twitter.com/4ZcmmLoWBD
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 29, 2022