भोपाल। मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का अपना डेकोरम होता है। पर्सनल लाइफ में भी वह अपने डेकोरम को मेंटेन करते हैं, फिर भले ही वह रिटायर क्यों ना हो जाए। एक बिल्डर ने एक रिटायर्ड आईएएस का डेकोरम खराब कर दिया। इतना ही नहीं अपने एक पत्रकार मित्र के साथ मिलकर साहब को बदनाम भी कर दिया। अब दोनों के बीच पंगा हो गया है।
भोपाल के एक बिल्डर ने ब्यूरोक्रेट्स के लिए पॉश कॉलोनी डेवलप की। ज्यादातर मकान आईएएस-आईपीएस ने ही खरीदे हैं लेकिन कुछ मकान दूसरे लोगों को भी बेच दिए। कुल मिलाकर कॉलोनी का प्रोटोकॉल टूट गया। मुख्य सचिव स्तर के एक आईएएस अधिकारी के पड़ोस वाला प्लॉट नगर निगम के एक इंजीनियर को दे दिया। ब्यूरोक्रेट्स फैमिली की अपनी लाइफ स्टाइल और कल्चर होता है। इंजीनियर साहब का अपना जलवा है। बस इसी बात पर तकरार शुरू हो गई।
साहब ने बिल्डर को फोन लगाया। आपत्ति जताई कि उनके पड़ोस वाला प्लॉट किसी और को क्यों दिया। आईएएस को देना चाहिए था। कहा कि इंजीनियर का पैसा वापस करके प्लॉट खाली कराओ। यदि आपको ग्राहक नहीं मिल रहा तो हम मदद कर देंगे। बिल्डर पता नहीं किस मूड में है, ना केवल साहब को मना किया बल्कि यह बात अखबार में भी छपवा दी। अब दोनों के बीच पंगा हो गया है। साहब रिटायर हो गए तो क्या हुआ, जो कुर्सी पर बैठा है वह भी तो एक आईएएस है।