नई दिल्ली। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में समय से पहले सत्ता की कुर्सी से उतार दिए जाने के बावजूद कांग्रेस पार्टी के नेता अपना रवैया बदलने के लिए तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ शिक्षकों के बाद पटवारी और सभी शासकीय कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। लगातार 1 सप्ताह की हड़ताल में सरकार की जड़ें हिला दी जाएंगी।
आधिकारिक रूप से छत्तीसगढ़ के तीन लाख से अधिक शासकीय कर्मचारियों ने 25-29 जुलाई की हड़ताल का ऐलान किया है। 30 को शनिवार और 31 को रविवार है। अतः अब 1 अगस्त को ही छत्तीसगढ़ राज्य में सरकारी कामकाज शुरू हो पाएंगे। खास बात यह है कि इन 5 दिनों में स्कूलों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन नहीं मिलेगा और लाखों लोगों का इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट 31 जुलाई निकल जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारी DA और HRA वृद्धि की मांग कर रहे हैं। परंपरा के अनुसार केंद्र सरकार के बराबर 34% डीए दिया जाना चाहिए परंतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसे बढ़ाने के लिए तैयार ही नहीं है। कर्मचारियों को 22% DA पर काम करना पड़ रहा है। इसके कारण एक कर्मचारी को औसत ₹5000 का नुकसान हो रहा है।
विधानसभा का मानसून सत्र प्रभावित होगा
छत्तीसगढ़ राज्य में इस समय विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है। सदन में जनहित के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए जानकारियों की जरूरत होती है और यह जानकारियां कर्मचारियों द्वारा ही उपलब्ध कराई जाती हैं। हड़ताल होने के कारण विधानसभा का मानसून सत्र भी प्रभावित होगा। सदन के भीतर सरकार की किरकिरी होगी और विपक्ष हावी रहेगा।