इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में संचालित 90 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नॉन सीईटी को लेकर पंजीयन प्रक्रिया खत्म हो गई है परन्तु अभी तक आवेदनों की संख्या सीटों की तुलना में काफी कम है। कुछ सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सेस की। हालत बहुत बुरी हालत है। ये पहला मौका है जब काउंसलिंग का दूसरा चरण व सीएलसी नहीं रखा जाएगा क्योंकि पर्याप्त रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाए हैं। इसके चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है। पहली काउंसलिंग खत्म होने के बाद खाली सीटों पर सीधे प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए अलग से आदेश व अधिसूचना जारी की जाएगी।
गौरतलब है कि इसकी मुख्य वजह CUET बताई जा रही है। अधिकांश विद्यार्थियों ने नॉन सीईटी की जगह CUET में अप्लाई कर दिया है। विद्यार्थियों के मुताबिक एमपी ऑनलाइन के कियोस्क पर बैठे कंप्यूटर ऑपरेटर ने फॉर्म भरे है। इसी समस्या को देखते हुए विश्वविद्यालय में सीधे प्रवेश का फैसला लिया है। ऐसे 80 से ज्यादा विद्यार्थी विश्वविद्यालय पहुंचे हैं, जिन्होंने गलती से नॉन सीईटी की जगह के CUET में आवेदन करने की बात स्वीकार की है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष सीबीएसई 12th परीक्षाएं भी देर से संपन्न हुई है, इस कारण भी ऐडमिशन में देरी हो रही है।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ रेणु जैन ने सीधे प्रवेश दिए जाने को लेकर चर्चा की क्योंकि कुछ विभागों में सीटें भरने का संकट खड़ा हो चुका है। काफी मंथन करने के बाद कुलपति ने सीधे प्रवेश की अनुमति दी है। अधिकारियों के मुताबिक 12 से 17 जुलाई के बीच सभी विभागों में काउंसलिंग होगी और रिक्त सीटों के बारे में 18 जुलाई को प्रत्येक विभाग अपनी सूचि पोर्टल पर अपलोड करेंगे। प्रवेश समिति के सदस्य डॉक्टर माया इंगले ने बताया कि सीधे प्रवेश दिए जाने को लेकर नियम बनाए जा रहे हैं। इसके लिए अधिसूचना निकाली जाएगी। विश्वविद्यालय की पोर्टल पर रिक्त सीटों का ब्योरा दिया जाएगा, जिसके आधार पर विद्यार्थियों से आवेदन मंगवाए जाएंगे।