गरमा-गरम खाना खाना भला किसे अच्छा नहीं लगता? सर्दी का मौसम हो, चाहे बारिश का मौसम, गरमा-गरम खाना तो हम सभी की पहली पसंद होता है परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि इस गर्म खाना खाने से हमें कोई फायदा होता है या नुकसान। तो चलिए आज एक मिनिट से भी कम समय यही पता लगाने की कोशिश करते हैं:-
Why Should We Eat Hot or Warm-food
एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर का तापमान 36.5 से 37 डिग्री सेंटीग्रेड (97.7 से 98.6 डिग्री फेरन्हाईट) होता है और उसके वातावरण का तापमान भी लगभग 20 से 30 डिग्री के बीच ही होता है। जब हम गर्म या गुनगुना खाना खाते हैं तो उसका तापमान भी लगभग इसी बीच होता है। इस खाने को पचाने लिए हमारे आमाशय (Stomach) और हमारी आँतों (Intestine) को बहुत ज्यादा effert नहीं लगाना पड़ता। चूँकि हमारे पाचन तंत्र में उपस्थित एंजाइमस् एक निश्चित तापमान पर ही काम करते हैं, ना उस तापमान से नीचे और ना ही उससे ऊपर। इसी कारण हमें अपने शरीर के अनुकूल टेंपरेचर वाला खाना ही खाना चाहिए जोआसानी से पच जाए।
गर्म खाना खाने के पीछे का वैज्ञानिक कारण
चूंकि मनुष्य एक गर्म खून वाला (Warm blooded), स्तनपाई (mammal) जीव है, जिसके रक्त या ब्लड का तापमान स्थिर या नियत रहता है और इन्हें अपने खाने से ही एनर्जी मिलती है। इसलिए हमें उसी तरह का खाना चाहिए खाना, जो हमारे शरीर के तापमान के अनुकूल हो क्योंकि ठंडा या बासा खाना पचने में काफी समय लेता है और जो एनर्जी हमेँ दूसरे कामों के लिए लगानी चाहिए वह खाने को पचाने में लग जाती है।