ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के परम पूज्य साधु संतों की लिस्ट में टॉप पर दर्ज मिर्ची बाबा भी कमलनाथ से नाराज हो गए हैं, और भारतीय जनता पार्टी में अपनी जगह तलाश रहे हैं। मिर्ची बाबा के ताजा बयान में काली फिल्म मेकर के प्रति आक्रोश से ज्यादा भाजपा के नेताओं को आकर्षित करने का प्रयास नजर आया।
काली फिल्म के मेकर्स के खिलाफ मध्यप्रदेश में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान सरकार नाराज है। प्रवक्ता डॉ नरोत्तम मिश्रा बयान जारी कर चुके हैं। पुलिस थानों में मामले दर्ज हो चुके हैं। साधु संत समाज ना केवल कानूनी कार्रवाई कर रहा है बल्कि पत्रकारों के सामने आकर अपना आक्रोश भी प्रकट कर रहे हैं। जो साधु संत भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा से सहमत नहीं होते वह भी काली फिल्म के मेकर्स के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं।
मिर्ची बाबा ने अपने बयान में जिन शब्दों का उपयोग किया है, उनसे स्पष्ट होता है कि मिर्ची बाबा, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आकर्षित करना चाहते हैं। उल्लेख करना अनिवार्य है कि मिर्ची बाबा कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा प्रस्तावित एवं कमलनाथ द्वारा प्रायोजित यात्राएं एवं जन संपर्क करके भाजपा सरकार के खिलाफ प्रचार करते थे।
पिछले दिनों ग्वालियर में कमलनाथ की सभा के दौरान उन्हें मंच पर स्थान नहीं दिया गया। इस बात से नाराज होकर मिर्ची बाबा कार्यक्रम स्थल पर ही धरने पर बैठ गए थे। स्वाभाविक रूप से उन्हें मीडिया कवरेज मिला और कमलनाथ के आलोचकों ने पूरा फायदा उठाया। सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ और मिर्ची बाबा के बीच में अनबन हो गई है। फंडिंग रुक गई है। इसलिए मिर्ची बाबा नया ठिकाना तलाश रहे हैं।
ऐसे कैसे बाबा.. सरे आम हिंसा को बढ़ावा देने वाले ये मिर्ची बाबा हैं जो #काली विवाद में कूद पड़े हैं, इस तीखे बयान पर मुश्किल में पड जाएँगे ये तो तय है। pic.twitter.com/JW5Ju1igrI
— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) July 8, 2022