HARIYALI AMAVASYA- श्रावण मास की अमावस्या को हरियाली अमावस्या, सावन अमावस्या और श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जुलाई गुरुवार को है
हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ लगाने का विधान होता है। भारतीय धर्मों में एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान माना गया है। हरियाली अमावस्या के दिन पितरों की संतुष्टि के लिए पेड़ लगाने का विधान होता है। आंवला और तुलसी में भगवान विष्णु का निवास माना जाता है। बेल, बरगद में भगवान शिव का निवास माना जाता है, कमल में महालक्ष्मी का निवास माना जाता है। जामुन का फल धन दिलाता है ,बरगद का पेड़ ज्ञान पाकड़ का पेड़ सुयोग्य पत्नी, बबूल- पापों का नाश करता है। अशोक को शोक मिटाने वाला वृक्ष माना जाता है। तेंदू का वृक्ष कुल में वृद्धि करता है।
ग्रहों को खुश करने के लिए लगाएं पेड़- पौधे और करें उनकी पूजा
- सूर्य ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए- आक
- चंद्र ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए- पलाश
- मंगल ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए-ख़ादिर
- बुध ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए-दूव,
- बृहस्पति ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए -केला,
- शुक्र ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए-गूलर
- शनि ग्रह की शांति एवं अभीष्ट फल प्राप्त करने के लिए- शमी
- हरियाली अमावस्या के दिन उपरोक्त अनुसार का पौधा लगाना चाहिए।