नेहा मारव्या IAS- मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने प्रताड़ित किया, जिनसे मदद मांगी उन्होंने तमाशा बना दिया

Bhopal Samachar
भोपाल
। भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी नेहा मारव्या के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। महकमे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी समस्या तो यह है कि जो दर्द उन्होंने अपनों के बीच साझा किया था, वह भी सार्वजनिक हो गया और एक नई समस्या पैदा हो गई। 

नेहा मारव्या IAS- सीनियर से गाइडेंस और समकक्ष से सहानुभूति चाहती थीं

मध्यप्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप है। इसी ग्रुप में अपने समकक्ष एवं सीनियर महिला अधिकारियों के समक्ष नेहा मारव्या ने अपनी परेशानी साझा की। यह ग्रुप सार्वजनिक नहीं है लेकिन नेहा की पोस्ट सार्वजनिक हो गई। उन्होंने लिखा कि, यह पहला मौका है, जब मैं कुछ लिख रही हूं। अब भी नहीं बोला, तो IAS और मानव होने के नाते शर्म आएगी। सीनियर मुझे अच्छे से गाइड कर सकेंगी। मदद भी कर सकेंगी। 

तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा गया है, तुम्हें देखता हूं

मैं भोपाल में मनरेगा में एडिशनल CEO के तौर पर पदस्थ थी। 4 जुलाई 2022 से 7 जुलाई तक अवकाश पर थी। 7 जुलाई की शाम सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव की ओर से कॉल आया। बताया गया कि उनका तबादला राजस्व विभाग में बतौर उप सचिव किया गया है। इसके बाद 8 जुलाई को मैं मनरेगा से रिलीव होने पहुंच गई। प्रक्रिया के बाद मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चैंबर में गई। उन्होंने कहा- तुम चैंबर में नहीं आ सकती। उनके पास कोई काम भी नहीं है, इसलिए तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा गया है। तुम्हें देखता हूं। 

PA के सामने अपमानित किया, गेट आउट कहा

इसके बाद मैंने उनसे अपनी गलती पूछी, तो उन्होंने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा- तुम्हें बोलने का हक नहीं है। उनसे निवेदन किया कि मनरेगा के वाहन से मैं आई थी, वो वापस कर दिया है। किसी वाहन से घर भिजवा दें, तो उन्होंने इनकार कर दिया। जब मैंने पूछा कि मैं घर कैसे जाउंगी, तो उन्होंने बोला कि स्टाफ से पूछ लो कि वो लोग वल्लभ भवन से घर कैसे जाते हैं। उन्होंने पीए को बुलाकर मुझे गेट आउट कहा।

उप सचिव को भी वाहन की व्यवस्था नहीं करने दी

उप सचिव ने मेरे लिए वाहन की व्यवस्था करने कोशिश की। प्रमुख सचिव ने उसे भी फटकार लगाते हुए मना कर दिया। क्या इस मामले में चुप रहना चाहिए? जब पीएस के पास मेरे लिए काम नहीं था, तो उन्होंने मुझे अपने अंडर में क्यों बुलवाया? क्या उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए रखा है? बहुत दुखद है। 

कुल मिलाकर एक बात समझ में आ रही है कि 2011 बैच की महिला आईएएस अफसर की रैगिंग शुरू हो गई है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि नेहा मारव्या ने ऐसी कौन सी गलती की थी जो उन्हें मनरेगा से ट्रांसफर करके सुधारने के लिए मनीष रस्तोगी सर के पास भेजा गया। 

नेहा मारव्या अक्सर विवादों में रहती हैं 

  • नेहा, जिला पंचायत जबलपुर, जिला पंचायत दतिया, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल और जिला पंचायत शिवपुरी में पदस्थ रही। मात्र 5 साल में उनके चार तबादले हुए। हर तबादले के पीछे कोई बड़ा कारण था। 
  • 2014 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वाहन के खिलाफ विवादित कार्रवाई के कारण चुनाव आयोग ने इन्हें हटा दिया था। 
  • जबलपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटेल से सीधी टक्कर हुई थी। मामला प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया था। मनोरमा ने सीएम हाउस आकर मोर्चा खोल दिया था। ट्रांसफर के बाद ही मामला शांत हो पाया। 
  • एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में अपनी गाड़ी के ड्राइवरों से पंगा हुआ। 1-2 नहीं 11 ड्राइवर बदले। 
  • डीजल के लिए मंडी अधिकारी से विवाद भी सुर्खियों में आया था। 
  • शिवपुरी में कलेक्टर की कार का भुगतान रोक दिया था। 
  • मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से भी खटपट हो गई थी। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!