इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में मकान मालिक द्वारा अपने आदिवासी किराएदार को कपड़े खोलकर पीटने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह और पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग ने तीन दिन के भीतर कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।
कलेक्टर व पुलिस कमिश्नर को मिले नोटिस में लिखा है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का एक प्रेस क्लिपिंग मिली है। जिसके बाद NCST ने इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया और गुरुवार को नोटिस जारी कर दिया। जिस आरोप में आदिवासी छात्र को पीटा था वो रुपए तो आरोपी के बेटे ने ही मोबाइल गेम में हारे थे। घटना के बाद से ही पीड़ित छात्र और उसकी बहनों ने घर खाली कर दिया था और वे आलीराजपुर स्थित अपने गांव चले गए थे।
NCST ने कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर से तीन दिन में मामले की पूरी डिटेल मांगी है। भारतीय दंड संहिता और अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपी को गिरफ्तार करने और आरोप पत्र दाखिल करने के लिए मामले में की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी है। आयोग ने यह भी पूछा है कि पीड़ित परिवार को कोई आर्थिक राहत दी गई है या नहीं।
तेजाजी नगर में मकान मालिक और उसके तीन साथियों ने मिलकर किराएदार छात्र को जमकर पीटा था और उसके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल भी डाल दिया था। उन्होंने उसका मोबाइल भी छीन लिया था। मकान मालिक को शक था कि छात्र ने हाल ही में जो लैपटॉप लिया है, वह उसके 9 साल के बेटे के दिए 50 हजार रुपए से खरीदा है। जबकि छात्र को लैपटॉप उसके परिजन ने दिलवाया था। मामले का खुलासा होने पर छात्र की शिकायत पर पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।