इंदौर। Mahatma Gandhi Memorial Medical College, Indore में घटित हुई यह घटना प्रमाणित करती है कि मैनेजमेंट सड़ चुका है और उसमें से बदबू आ रही है। यदि नहीं बदला तो, पूरा कॉलेज सड़ जाएगा और मध्यप्रदेश के माथे पर कलंक की तरह नजर आएगा।
एंटी रैगिंग कमेटी को प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि सीनियर स्टूडेंट्स अपने जूनियर्स को आपस में अप्राकृतिक संबंध को बाध्य करते थे। ऐसा करने में उन्हें आनंद आता था। कमेटी की अनुशंसा पर संयोगितागंज पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। एक जूनियर स्टूडेंट ने इन सीनियर्स के खिलाफ तमाम टेक्निकल एविडेंस जुटाए हैं। इसकी शिकायत दिल्ली यूजीसी और वहां की एंटी रैगिंग कमेटी को भेजी। इसके बाद मामला डीन तक पहुंचा और ऑडियो, चैटिंग, लोकेशन सहित तमाम एविडेंस पुलिस को सौंपे गए।
MGM कॉलेज इंदौर- प्रताड़ित करने के लिए कॉलेज कैंपस से बाहर ले जाते हैं
रैगिंग का यह मामला कॉलेज परिसर का नहीं है लेकिन कैंपस के बाहर जूनियर स्टूडेंट को 8-10 फ्लाइट्स में ले जाया गया और उसे उपरोक्त प्रकार से प्रताड़ित किया गया। इसके अलावा उसे मजबूर किया गया कि वह कॉलेज कैंपस में छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार करे।
पीड़ित जूनियर स्टूडेंट ने लोकेशन, ऑडियो रिकॉर्डिंग आदि एविडेंस कलेक्ट कर लिए। क्योंकि शिकायत एविडेंस के साथ की गई थी इसलिए रविवार को एंटी रैगिंग कमेटी के सारे सदस्य (डॉक्टर्स-प्रोसेसर्स) ने तुरंत बैठक ली। जिसमें मामला सही पाया।
MGM कॉलेज इंदौर- जूनियर छात्र के साथ क्या-क्या किया जाता था
- हर सीनियर का नाम, उसके मूल निवास का पूरा पता सही तरीके से बताने पर बाध्य करते थे।
- स्टूडेंट से हर रोज शेविंग करके आने को कहा जाता था।
- सीनियर उससे तेज आवाज में आपत्तिजनक बातें करते थे।
- हर बार उसे अलग-अलग स्थान पर बुलाते थे।
- अगर वह आधा-पौन घंटा लेट हो जाता था, तो उससे उतनी देर तक उठक-बैठक लगवाते थे।
- स्टूडेंट थककर चूर हो जाता तो भी उसे बैठने भी नहीं देते थे।
- जूनियर स्टूडेंट अगर किसी सीनियर का नाम गलत बता देता था तो वे उसके साथी स्टूडेंट्स से उसे चांटे लगवाते थे।
- सीनियर कहते थे कि चांटे की आवाज अच्छी तरह से नहीं आई। ऐसा कहकर कई बार चांटे लगवाते थे।
- उनकी क्लासमेट छात्रा का नाम लेने, उसे गाली देने, उनके फिगर, रंग आदि को लेकर कमेंट करने को बाध्य करते थे।
- साथियों के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए कहते थे। इसके लिए फ्लैट पर बुलाते थे। इस दौरान वे उनके मोबाइल रख लेते थे ताकि वे कोई गतिविधि रिकॉर्ड नहीं कर सके।
- जूनियर को उसके साथियों के साथ फ्लैट में 5 घंटे तक रहने को बाध्य करते थे।
- फ्लैट छोड़ने के बाद सीनियर उन्हें कहते थे जो कुछ हुआ उसे भूल जाओ।
- जूनियर्स को लाइब्रेरी व कैंटीन में भी नहीं जाने देते थे।
- पानी के लिए वाटर कूलर तक जाते थे तो उन्हें रोक लिया जाता था।
- आरोपी सीनियर में कई तो ऐसे हैं जिन्हें पांच साल हो गए हैं।
जांच में आठ सीनियर के नाम, गिरफ्तारी होगी
डीन डॉ. संजय दीक्षित ने बताया कि रविवार को मुझे इसकी शिकायत मिली थी। मामला तुरंत एंटी रैगिंग कमेटी को सौंपा। कमेटी ने जांच में मामला गंभीर पाया और अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश के बजाय आरोपी सीनियर्स के खिलाफ FIR दर्ज कराने का फैसला लिया गया। पीड़ित स्टूडेंट द्वारा उपलब्ध कराए सारे टेक्निकल एविडेंस भी पुलिस को सौंपे हैं।
शिकायत में एथिक्स के अनुसार पीड़ित व सीनियर्स के नाम नहीं बताए हैं। यह पुलिस की जांच का विषय है। उधर, पुलिस ने UGC अधिनियम की धारा 5, 17, मारपीट, धमकी सहित अन्य धाराओं में कार्रवाई की है। प्रारंभिक रूप से जांच में आठ सीनियर्स के नाम सामने आए हैं।